Kanpur: दंडवत यात्रा में भक्तों का पुष्प वर्षा से हुआ स्वागत; करौली शंकर बोले- 'मोक्ष के लिए गुरू कृपा जरूरी'

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Published By Deepak Shukla
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कानपुर, अमृत विचार। करौली शंकर महादेव आश्रम की ओर से निकाली गई पांच दिवसीय दंडवत यात्रा के चतुर्थ दिवस सुजानपुर से यात्रा शुरू होकर मंगल बिहार पहुंची। वहां श्रद्धालुओं ने यात्रा का स्वागत किया। इस दौरान हर- हर महादेव का उद्घोष वातावरण में होता रहा। जो भक्त दंडवत होकर चल रहे थे श्रद्धालुओं ने उनका फूलों की वर्षा कर स्वागत किया। जगह- जगह फल, प्रसाद आदि का वितरण किया गया। 

आश्रम में करौली शंकर महादेव ने कहा कि गंगा की तरह ही अपने मन को भी पवित्र बनाना है। बगैर गुरु की कृपा के मोक्ष नहीं है। इस बात का सदैव स्मरण रखें। गुरु की कृपा से ही शरीर के अशुद्ध रस का नाश होता है और पवित्रता की अधिकता हो जाती है और आप धीरे- धीरे पावन हो जाते हैं। 

पावन का अर्थ है आप दोबारा अपवित्र नहीं होते हैं। किसी से ईष्र्या न करें। पड़ोसी अगर कार ले आता है तो हमारे मन में जलन होती है। अगर आप किसी से ईष्र्या करेंगे तो आपसे भी लोग ईष्र्या करेंगे। इसलिए किसी के प्रति मन में बैर का भाव नहीं रखना है। जब दुसरों के सुख में सुख और दुसरों के दुख में दुखी होंगे तो निश्चित रूप से हर कोई आपके सुख दुख का साथी होगा। 

यदि आप किसी को भयभीत करेंगे तो आपको भी भयभीत होना पड़ेगा। इसलिए गुरु की एक बात गांठ बांध लें किसी के प्रति मन में बैर का भाव नहीं रखेंगे। दुसरों की प्रतिष्ठा से मन में जलन का भाव उत्पन्न नहीं करेंगे। 

इस अवसर पर शंकर सेना के प्रदेश अध्यक्ष श्री सुबोध चोपडा, महिला अध्यक्षा श्रीमती मीना द्विवेदी, विनय वर्मा, दुर्गेश मनी त्रिपाठी, आयुष द्विवेदी, मनोज तिवारी, पवन तिवारी, प्रकाश श्रीवास्तव, रमेश बाजपेई आदि रहे।

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