'शासन और हाईकोर्ट के आदेश पर भी कार्रवाई न करने के लिए मौजूदा अफसर भी जिम्मेदार', तौकीर रजा पर जमकर बरसे राजेश अग्रवाल
बोले- मेरे पास तौकीर के खिलाफ 12-14 आपराधिक केसों का ब्योरा
बरेली, अमृत विचार। गंभीर आरोपों के दर्जन भर से ज्यादा आपराधिक केस होने के बाद भी मौलाना तौकीर रजा के खिलाफ कार्रवाई न होने देने का जिम्मेदार कौन है, बुधवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में भाजपा के राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष राजेश अग्रवाल की ओर से चलाया गया इस सवाल का तीर कई निशानों पर जाकर लगा। अपनी ही पार्टी सत्ता में होने के बावजूद राजेश ने सीधा आरोप लगाया कि शासन और हाईकोर्ट के आदेश के बाद भी तौकीर के खिलाफ कार्रवाई नहीं की गई। उन्होंने कहा कि इससे साफ है कि सिर्फ तत्कालीन अधिकारी ही नहीं, मौजूदा अधिकारी भी तौकीर को बचाने के लिए जिम्मेदार हैं।
मंगलवार को ही कोर्ट ने तौकीर रजा को शहर में हुए 2010 के दंगे का मास्टर माइंड मानते हुए तलब करने का आदेश जारी किया था। इसके बाद बुधवार को वरिष्ठ भाजपा नेता राजेश अग्रवाल ने अपने आवास पर प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कई गंभीर सवाल खड़े किए। उन्होंने कहा कि तौकीर रजा खां के खिलाफ वर्ष 2000 के पहले तक के मामले लंबित हैं। खुद उन्होंने तौकीर के खिलाफ 12-14 आपराधिक केसों का ब्योरा जुटाया है। बड़ा सवाल यह है कि इतने केस होने के बावजूद तौकीर पर कोई कार्रवाई न होने देने के लिए जिम्मेदार कौन है।
उन्होंने कहा कि धर्म की आड़ लेकर संविधान न मानने वाले तौकीर रजा जब हर तरफ नफरत पैदा होती है तो भगत सिंह जैसे पैदा होते है मैं कोर्ट के पक्षधर हूं। तौकीर पर एफआईआर दर्ज होने के बाद भी अभी तक कोई कार्रवाई न होना बड़ी बात है जिम्मेदारों पर भी कार्रवाई हो।
राजेश अग्रवाल ने कहा कि शहर में हुए दंगों की विभीषिका लोग आज भी नहीं भूले हैं। दंगाइयों के हौसले इतने बुलंद थे कि तत्कालीन डीआईजी तक को घेर लिया गया था। उन्होंने कहा कि थाना प्रेमनगर में तौकीर का गिरफ्तारी वारंट पड़ा रहा लेकिन इसके बावजूद कार्रवाई नहीं की गई। बोले, वह शांति की स्थापना के लिए प्रयास कर रहे हैं। दोषियों पर कार्रवाई जरूर होगी। राजेश ने कहा कि उनके पास डीजीपी का फोन आया था। वह कहेंगे तो पूरा रिकॉर्ड भी दिखा देंगे।
बोले- अफसर सरकार की नहीं सुनते तभी पैदा होते हैं सुल्ताना जैसे लोग
राजेश अग्रवाल ने नाम लिए बगैर मौलाना तौकीर की तुलना सुल्ताना जैसे लोगों से की। कहा, दुर्भाग्य है कि विश्वप्रसिद्ध कुल का व्यक्ति धर्म की आड़ में समाज को जलाने की बात कहता है। प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री के लिए अपशब्दों के साथ घर आने पर मारने की बात बोलता है। बोले, प्रकृति न्याय करती है। इसके बाद भी उस पर कार्रवाई नहीं की गई तो कोर्ट ने स्वत: संज्ञान लिया। इस एक्शन से समाज को ऐसे लोगों से निजात मिलेगी। राजेश ने कहा कि सरकार के निर्देशों का पालन न होने से ही सुल्ताना जैसे लोग पैदा होते हैं। अफसरों को यह कहकर निशाने पर लिया कि ये दो-चार साल ही रहेंगे। जलना तो हमें और आपको है। इसीलिए वह चाहते हैं कि दोषियों को बख्शा न जाए। तौकीर की तरफ इशारा करते हुए कहा कि जब समाज में बुराइयां बढ़ जाती हैं तो भगत सिंह जैसे लोग पैदा होते हैं।
महंत ने लगाया था भाजपा नेता पर ही संरक्षण देने का आरोप
कुछ ही दिन पहले शहर के साईं धाम मंदिर के महंत सुशील पाठक ने भी मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर पिछले दिनों शहामतगंज में हुए बवाल के बाद तौकीर रजा खां के खिलाफ कार्रवाई की मांग की थी। महंत ने अपने इस पत्र में तौकीर पर शहर में फिर दंगा कराने की कोशिश का आरोप लगाते हुए यह भी कहा था कि एक भाजपा नेता की ओर से ही मौलाना तौकीर को संरक्षण दिया जा रहा है।
समाज में बुराइयां बढ़ जाती हैं तो पैदा होते हैं भगत सिंह जैसे लोग-राजेश अग्रवाल
कोर्ट की ओर से 2010 के दंगे का मास्टर माइंड मौलाना तौकीर रजा को मानने के बाद भाजपा के राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष राजेश अग्रवाल ने मोर्चा खोल दिया है। उन्होंने मामले में कार्रवाई न होने को लेकर सवाल खड़े करते हुए तत्कालीन और मौजूदा अफसरों को भी आंड़े हाथों लिया है।
बुधवार को रामपुर गार्डन स्थित अपने आवास पर बुलाई प्रेस वार्ता में राजेश अग्रवाल ने कहा कि जिनकी वजह से बरेली का नाम है। लोग पीएचडी कर रहे हैं, दुर्भाग्य है उन्हीं के कुल का व्यक्ति धर्म की आड़ में समाज को जलाने की बात कह रहे हैं। प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री के लिए अपशब्द कहते हैं। घर आने पर मारने की बात कहते हैं। बोले कि इसके बाद भी कार्रवाई नहीं की गई तो कोर्ट ने स्वत: मामले को संज्ञान लिया। प्रकृति न्याय करती है। मौलाना तौकीर रजा खां की तरफ इशारा करते हुए कहा कि जब समाज में ज्यादा बुराइयां बढ़ जाती हैं तो भगत सिंह जैसे लोग पैदा होते हैं। इस एक्शन से समाज को निजात मिलेगी। राजेश अग्रवाल ने कहा कि 2000 से पहले तक के मामले लंबित हैं। 12-14 मामले तो खुद जुटा लिया हूं।
सवाल है कि कार्रवाई न होने का जिम्मेदार कौन है। बोले कि दंगे का दंश आज भी लोग नहीं भूले हैं। तत्कालीन डीआईजी को घेर लिया गया था। दावा किया कि प्रेमनगर थाने में गिरफ्तारी वारंट होने के बाद भी कार्रवाई नहीं की गई। उन्होंने कहा कि वह शांति की स्थापना हो, इसके लिए प्रयास कर रहे हैं। दोषियों पर कार्रवाई हाेने की बात कहते हुए कहा कि उनके पास डीजीपी का फोन आया था। कहेंगे तो रिकॉर्ड दिखा देंगे। आदेश देने के बाद भी कार्रवाई नहीं होने पर सवाल खड़े किए। बोले कि सरकार के निर्देशों का पालन नहीं होने से ही सुल्ताना जैसे लोग पैदा होते हैं। हाईकोर्ट के आदेश के भी कार्रवाई नहीं होती है। अफसरों को निशाने पर लेते हुए कि यह तो दो-तीन, चार साल रहेंगे। जलना तो हमें और आपको है। दोषियों को बख्शा न जाए।
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