लखनऊ: एसजीपीजीआई-केजीएमयू और लोहिया संस्थान को उठानी होगी नई जिम्मेदारी, जाने क्या? 

Amrit Vichar Network
Published By Sachin Sharma
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लखनऊ, अमृत विचार। एसजीपीजीआई, डॉ राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान और केजीएमयू उत्तर प्रदेश के बड़े चिकित्सा संस्थान है। इन चिकित्सा संस्थानों को केवल मरीज के इलाज पर ही फोकस नहीं करना चाहिए, बल्कि उत्तर प्रदेश के हेल्थ सिस्टम को इंप्रूव करने की दिशा में भी काम करना होगा।

यह कहना है चिकित्सा शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव पार्थ सारथी सेन शर्मा का। उन्होंने यह बातें शनिवार रात एक निजी होटल में आयोजित एनेस्थीसिया रिफ्रेशर कोर्स की कार्यशाला में बतौर मुख्य अतिथि कही। इस कार्यशाला का आयोजन लोहिया संस्थान के एनेस्थीसिया विभाग की तरफ से कराया गया था।

प्रमुख सचिव पार्थ सारथी सेन शर्मा ने कहा कि प्रदेश में स्थित प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र और जिला अस्पतालों के हेल्थ सिस्टम को इंप्रूव करने के लिए चिकित्सा संस्थान कम कर सकते हैं। इस दौरान उन्होंने लोहिया संस्थान की तरफ से आयोजित किए गए रिफ्रेशर कोर्स की सराहना भी की।

दरअसल,इस तीन दिवसीय रिफ्रेशर कोर्स में 120 एमडी एनेस्थीसिया के स्टूडेंट पहुंचे हैं और करीब 34 विशेषज्ञ इलाज की नवीन तकनीक बताने के लिए देश के विभिन्न हिस्सों से आए हैं।

 इस रिफ्रेशर कोर्स के दौरान एमडी एनेस्थीसिया के तीन वर्षीय पाठ्यक्रम को इन तीन दिनों में बताने का विशेषज्ञ काम कर रहे है। इस तीन दिवसीय एनेस्थीसिया रिफ्रेश कोर्स में पूरे देश से विशेषज्ञ और स्टूडेंट शामिल हुए।

कार्यशाला में लोहिया संस्थान के निदेशक प्रोफेसर डॉक्टर सी एम सिंह, संस्थान के पूर्व निदेशक और निश्चेतना विभाग के पूर्व विभाग अध्यक्ष प्रोफेसर डॉक्टर दीपक मालवीय, निश्चेतना विभाग के वर्तमान विभाग अध्यक्ष प्रोफेसर डॉक्टर पी के दास,सैफई विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति प्रोफेसर ब्रिगेडियर डॉक्टर पी प्रभाकर और संस्थान के संकाय अध्यक्ष प्रोफेसर डॉक्टर प्रद्युमन सिंह उपस्थिति रहे। कार्यक्रम के आयोजन अध्यक्ष प्रोफेसर डॉक्टर पी के दास और आयोजक सचिव डॉ वीरेंद्र कुमार रहे।

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