बरेली: गर्मी में बिना मानकों के स्विमिंग पूल हो रहे तैयार, यह मानक हैं जरूरी
पिछले साल चार बच्चों की अवैध स्विमिंग पूलों में हो गई थी डूब कर मौत
बरेली, अमृत विचार। गर्मी शुरू होते ही शहर के बाहरी इलाकों में स्विमिंग पूल खोलने का अवैध धंधा शुरू हो गया है। इनमें मानकों का भी पालन नहीं किया जा रहा है, जबकि पिछले साल लापरवाही की वजह से अलग-अलग पूलों में चार बच्चों की डूबने से मौत हो गई। हादसों के बाद स्विमिंग पूल सीज किए थे। अब फिर से पूल खुल रहे हैं लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है।
करमपुर चौधरी, आलोक नगर काॅलोनी, पीलीभीत बाईपास, बिथरी चैनपुर के आसपास के इलाकों में करीब 20 से अधिक अवैध स्विमिंग पूल संचालित किए जा रहे हैं। इनमें प्रवेश 30 मार्च से शुरू कर दिया गया है। इनका प्रवेश शुल्क 50, 100 और 200 रुपये प्रति घंटे है। इन स्विमिंग पूल में मानकों कीअनदेखी की जा रही है। इनमें न ही प्रशिक्षित जीवन रक्षक तैनात हैं और न ही पूल की गहराई को मानकों के अनुरूप बनवाया गया है।
क्षेत्रीय क्रीड़ा अधिकारी जितेंद्र यादव ने बताया कि शासन के आदेश के अनुसार स्विमिंग पूल को मनोरंजक गतिविधियों के तहत प्रशासन में पंजीकरण कराना अनिवार्य होता है। पंजीकरण में स्विमिंग पूल संचालक को प्रत्येक साल पूल संचालन से पहले शुल्क जमा करना होता है। इसके बाद स्विमिंग पूल संचालक को निरीक्षण के लिए समय अवधि दी जाती है। उसके बाद टीम मौके पर जाकर पूल का जायजा लेती है। टीम की स्वीकृति के बाद ही पूल संचालन की अनुमति मिलती है। जिले में तीन साल में एक भी स्विमिंग पूल संचालकों की ओर से न कोई परामर्श लिया गया और न ही कोई दस्तावेज दिए गए।
यह मानक हैं जरूरी
- पूल का संचालन करने से पहले प्रशासन से अनुमति लेनी जरूरी है।
- स्विमिंग पूल में आपातकाल स्थिति के लिए दो लाइफ जैकेट का होना जरूरी है।
- स्विमिंग पूल में दो ऑक्सीजन सिलिंडर, दो कृत्रिम सांस यंत्र भी होने चाहिए।
- पूल में फिल्टर प्लांट होना चाहिए, जो प्रत्येक दिन चार घंटे चलाया जाए।
- स्विमिंग पूल चलाने के लिए स्विमिंग कोच राष्ट्रीय या राज्य स्तरीय खिलाड़ी होना अनिवार्य है।
- प्रत्येक स्विमिंग पूल के लिए दो लाइफ गार्ड तैनात होना अनिवार्य है।
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