प्रयागराज: बेटियों ने निभाया बेटे का फर्ज, पिता की अर्थी को कंधा देकर दी मुखाग्नि, बेटे की पहले ही हो चुकी है मौत

प्रयागराज: बेटियों ने निभाया बेटे का फर्ज, पिता की अर्थी को कंधा देकर दी मुखाग्नि, बेटे की पहले ही हो चुकी है मौत

प्रयागराज, अमृत विचार। पहले पत्नी की मौत, फिर जवान बेटे की मौत से टूट चुके शिव शंकर दुबे की लंबी बीमारी से गुरुवार की देर रात मौत हो गयी। पिता की मौत की खबर मिलते ही ससुराल में रह रही मृतक की चारों बेटियां रोते बिलखते अस्पताल पहुंची। चारों बेटियों ने मिलकर पिता की अर्थी को कंधा दिया और पिता को श्मशान घाट पर मुखाग्नि दी। बेटियों के इस फर्ज और कर्तव्य को देखकर घाट पर मौजूद रहे लोगों की आंखे भर आईं।

यमुना नगर के नैनी स्थित शिव नगर के रहने वाले शिव शंकर दुबे (75) वर्ष मूल रूप से टिकर तहसील बरहज जिला देवरिया के रहने वाले थे। गुरुवार की देर रात बीमारी से उनकी मौत हो गयी। वह कर्मचारी राज्य बीमा के प्रबंधक के पद से सेवा निवृत्त हुए थे। वह एक बेटा, चार बेटियां और उनकी पत्नी के साथ रहते थे। करीब 15 साल पहले पत्नी ललिता देवी की बीमारी से मौत हो गयी। इसके बाद बेटे ने किसी कारण से खुदकुशी कर ली थी। 

चारों बेटियों में अंजू उर्फ गुड्डी, सुमन उर्फ किरण, सीमा और सीमा की शादी हो चुकी थी। परिवार में वह अकेले रह गये। बेटियों की शादी होने के बाद वह सभी ससुराल मे रहने लगी। पिता का हाल जानने के लिए सभी अक्सर आया जाया करती थी। बीते कुछ महीनों से शिव शंकर की तबियत बिगड़ हुयी थी। बेटियों ने उन्हे कुछ दिन पहले ही स्वरूप रानी नेहरू अस्पताल में भर्ती कराया था। जहां सभी बहने बारी बारी से देखभाल करती थी।

 गुरूवार की देर रात शिव शंकर के शरीर ने साथ छोड़ दिया। साथ रही बेटी ने अन्य बहनों को जानकारी दी। जिसके बाद सभी रोते बिलखते अस्पताल पहुंची और वहा से पिता के शव को लेकर घर आ गयी। पिता के शव के अंतिम संस्कार के लिए चारो बेटियों ने कंधा दिया और दारागंज श्मशान घाट पहुंच गयी। हिंदू रीति रिवाज के अनुसार पिता को मुखग्नि दी। बेटियों के इस कर्तव्य और फर्ज को देखकर सभी की आंखे भर आई।

यह भी पढ़ें:-बहराइच: महिला का फंदे से कमरे में लटकता मिला शव, पुलिस ने फोरेंसिक टीम के किया साथ घटनास्थल का मुआयना