लोकसभा चुनाव 2024: अपने ही फैसले पर भ्रमित हो रहे अखिलेश यादव, मिश्रिख सीट पर कई बार बदल दिए प्रत्याशी

लोकसभा चुनाव 2024: अपने ही फैसले पर भ्रमित हो रहे अखिलेश यादव, मिश्रिख सीट पर कई बार बदल दिए प्रत्याशी

सीतापुर,अमृत विचार। फैसले लेकर पलट जाना सपा सुप्रीमों अखिलेश यादव की पुरानी आदत रही है। यह नज़ारा वर्ष 2012 से 2017 तक समाजवादी सत्ता के दौरान कई बार देखने को मिला था। वैसा ही नजारा फिर से लोकसभा चुनाव में देखने को मिल रहा है। अखिलेश यादव फिर से बार बार अपने ही फैसलों को पलटते नज़र आ रहे हैं। सपा के उम्मीदवारों का बार-बार बदला जाना अखिलेश यादव को छटपटाहट को साफ दर्शाता है। अकेले मिश्रिख लोक सभा सीट पर ही पार्टी प्रमुख ने तीन बार प्रत्याशी घोषित किये हैं।

मिश्रिख लोक सभा सीट गठबंधन के बंटवारे में सपा के खाते में आई है। नैमिषारण्य क्षेत्र होने के लिहाज से यह सीट और अधिक महत्वपूर्ण हो जाती है। पिछले दो बार से यह सीट भाजपा के कब्जे में रही है। 2014 में जहां भाजपा ने इस सीट से अंजू बाला चौधरी को मैदान में उतार कर जीत दर्ज की थी, तो वही 2019 के लोक सभा चुनाव में भाजपा ने यहां से अशोक रावत को चुनाव लड़ा कर विजय प्राप्त की थी।

भाजपा ने फिर से इस सीट पर कब्जा जमाए रखने के लिए पुराने प्रत्याशी और मौजूदा सांसद अशोक रावत पर दांव लगाया है। जबकि सपा गठबंधन इस सीट पर प्रत्याशी की घोषणा को लेकर काफी पशोपेश में दिखाई दे रहा है। मिश्रिख लोक सभा सीट पर जीत दर्ज करने के लिए सपा प्रमुख अखिलेश यादव तीन बार प्रत्याशी की घोषणा कर चुके हैं। पीएम मोदी के तिलिस्म को तोड़ने के लिए हर मुमकिन कोशिश भी कर रहे हैं। लेकिन अपने ही फैसलों पर न टिक पाने के चलते सियासी गलियारों में अखिलेश यादव को लेकर तरह-तरह की चर्चा हो रही है।

सपा ने एक माह में बदले तीन प्रत्याशी

मिश्रिख लोक सभा सीट पर जीत दर्ज करने की मंशा को लेकर सपा ने तीन बार प्रत्याशी बदल दिए। पहले 19 फ़रवरी को जहां पार्टी ने पूर्व कारागार राज्यमंत्री व मिश्रिख विधानसभा के पूर्व विधायक रामपाल राजवंशी को लोस प्रत्याशी घोषित किया था। इसके बाद 17 मार्च को सपा सुप्रीमों अपने ही फैसले को पलटते हुए रामपाल राजवंशी के बेटे मनोज राजवंशी को प्रत्याशी घोषित कर दिया। इस घोषणा के महज तीन दिन बाद फिर से सपा प्रमुख अखिलेश यादव अपने फैसले से पलट गए। इस बार अखिलेश यादव ने रामपाल राजवंशी की बहू व मनोज राजवंशी की पत्नी संगीता राजवंशी के नाम की घोषणा कर दी।

तो चुनावी समीकरण साधने के लिए बदले जा रहे प्रत्यशी

मिश्रिख लोक सभा सीट पर लगातार प्रत्याशी बदले जाने को लेकर चर्चा है कि सपा चुनावी समीकरण साधने में जुटी है। सुरक्षित मिश्रिख लोक सभा सीट पर पासी मतदाता निर्णायक साबित होता है। ऐसे में सपा ने पासी विरादरी से आने वाली संगीता राजवंशी को उतार कर एक तीर से दो निशाने साधने के काम किया है। पासी वोट बैंक कब्जाने के साथ-साथ  महिलाओं को भी अपने पाले में करने का खाका खींचा है।

आसान नहीं होगा बीजेपी के विजय रथ को रोकना

मिश्रिख लोक सभा सीट पर जीत दर्ज करने के लिए सपा चुनावी समीकरण साधने में जुटी है। लेकिन इन सब के बाद भी मिश्रिख लोक सभा सीट पर भाजपा के विजय रथ को रोकना आसान नहीं होगा। नैमिषारण्य की धर्मधुरी पर टिकी मिश्रिख लोक सभा सीट के मतदाता शायद इस बार भी विकास कार्यों और मोदी मैजिक को नजरअंदाज नहीं कर सकेंगे।

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