International Nurses Day: नर्सिंग ऑफिसर सीमा शुक्ला ने अंगदान का लिया फैसला, कहा- जीवन खत्म होते ही मिट्टी में मिल जाता है शरीर

Amrit Vichar Network
Published By Virendra Pandey
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लखनऊ, अमृत विचार। विश्व नर्सिंग दिवस के अवसर पर एसजीपीजीआई की नर्सिंग ऑफिसर और नर्सिंग स्टाफ एसोसिएशन की पूर्व अध्यक्ष सीमा शुक्ला ने अंगदान का फैसला लिया है। इनके साथ पूनम मिश्रा ने भी अंगदान का फैसला लिया है। नर्सिंग ऑफिसर सीमा शुक्ला अब मरीजों की सेवा के साथ ही लोगों को अंगदान के लिए प्रेरित करने का काम भी करेंगी।

दरअसल, बीते अप्रैल महीने में सीमा शुक्ला के पिता चंद्र प्रकाश तिवारी का निधन हो गया था। पिता के निधन ने सीमा शुक्ला को झकझोर के रख दिया। जब वह अपने भाईयों के साथ पिता की अस्थियां विसर्जित करने जा रही थीं। उसी दौरान अंगदान करने का फैसला किया।

सीमा शुक्ला बताती हैं कि बहुत ही कम बेटियों को अपने पिता की सेवा करने का मौका मिलता है। मेरे पिता करीब 22 दिन तक पीजीआई में भर्ती रहे। इस दौरान ड्यूटी के बाद पूरा समय उनकी ही सेवा में बीता। अंतिम संस्कार के बाद जब भाइयों के साथ अस्थियां विसर्जित करने जा रही थीं, तब मैं यह देख रही थी कि दो दिन पहले तक मेरे पिता मुझसे बातें कर रहे थे और अब उनका पूरा शरीर एक गागर में समा गया है और इसे जल्द ही जल में प्रवाहित कर दिया जायेगा। तभी मैने यह निश्चय किया कि यदि शरीर मिट्टी में मिलने के बजाय किसी के काम आ जाये। इससे बेहतर कुछ नहीं हो सकता। इसलिए मैने यह फैसला लिया है। इतना ही नहीं अब लोगों को भी अंगदान के लिए प्रेरित करने का काम किया जायेगा।

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