अब्दुल्ला आजम के फर्जी जन्म प्रमाण पत्र मामले में फैसला सुरक्षित, तीन घंटे तक चली सुनवाई
प्रयागराज, अमृत विचार। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने फर्जी जन्म प्रमाण पत्र के मामले में सपा नेता आज़म खान, उनके बेटे अब्दुल्ला आजम और पत्नी तंजीन फातिमा की आपराधिक पुनरीक्षण याचिका पर लगभग तीन घंटे तक चली सुनवाई के बाद फैसला सुरक्षित कर लिया है। मामले की सुनवाई न्यायमूर्ति संजय कुमार सिंह की एकलपीठ के समक्ष हुई।
मालूम हो कि आजम खान और उनके परिवार ने रामपुर एमपी/एमएलए कोर्ट से जमानत याचिका खारिज होने वाले फैसले को हाईकोर्ट में चुनौती देते हुए जमानत देने और सजा को रद्द करने के लिए आपराधिक पुनरीक्षण याचिका दाखिल की थी, जिस पर फैसला सुरक्षित कर लिया गया है। बता दें कि रामपुर से भाजपा विधायक आकाश सक्सेना ने वर्ष 2019 में रामपुर के गंज थाने में सपा के राष्ट्रीय महासचिव आजम खान के बेटे पूर्व विधायक अब्दुल्ला आजम के खिलाफ दो जन्म प्रमाण पत्र होने का मामला दर्ज कराया था। आईपीसी की विभिन्न धाराओं के तहत आजम खान, उनके बेटे और उनकी पत्नी के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई गई थी, जिस पर संज्ञान लेते हुए रामपुर एमपी/एमएलए कोर्ट ने तीनों को 7 साल की सजा सुनाई थी।
इससे पहले गत वर्ष एमपी/ एमएलए कोर्ट में चल रहे ट्रायल पर रोक लगाने वाली आजम खान की याचिका को हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया था। इसी तरह अब्दुल्ला आजम के जन्म प्रमाण पत्र को लेकर वर्ष 2017 में रामपुर की स्वार सीट से बसपा पार्टी प्रत्याशी नवाब काजिम अली खान ने भी आपत्ति दर्ज कराई थी और हाईकोर्ट में दाखिल याचिका में अब्दुल्ला के स्कूल और बर्थ सर्टिफिकेट में दो अलग-अलग जन्मतिथियों का हवाला देते हुए उनकी सदस्यता रद्द करने की मांग की थी।
