Exclusive News: उन्नाव में रेलवे नोटिस को बस्ती वालों ने समझा हवा हवाई, ध्वस्त हो गए मकान...

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Published By Nitesh Mishra
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पूर्व में भी कई बार बस्ती को ध्वस्त करने की मिल चुकी है नोटिस

उन्नाव, (अमन सक्सेना)। गंगाघाट अंतर्गत राजीव नगर बस्ती भले ही तीन से चार दशक पुरानी है लेकिन रेलवे की जमीन पर अवैध रुप से लोगों ने अपने आशियाने बना रखे हैं। कब्जा करने के समय रेलवे विभाग ने किसी को रोका नहीं था। जिससे लोगों ने कच्चे पक्के मकान बनाते चले गए।

रेलवे ने कई बार अवैध मकानों को हटाने के लिये नोटिसें भी दी लेकिन किसी ने अपने कब्जे नहीं हटाये। इधर अप्रैल के अंतिम सप्ताह में रेलवे ने नोटिस दी थी लेकिन बस्ती वालों ने पूर्व की तरह समझा और अपने अतिक्रमण नहीं हटवाये। गुरुवार को रेलवे ने अवैध बस्ती पर बुलडोजर चलवा दिया।

वर्ष 2018 के मार्च माह में आम्रपॉली ट्रेन को डिरेल करने की साजिश रची गई थी। उस दौरान सुरक्षा व्यवस्था को देखते हुये रेलवे ने 27 मार्च 2018 को बस्ती में नोटिसें चस्पा की थी लेकिन रेलवे की ओर से कोई कार्यवाही नहीं की। जिसके बाद कानपुर लखनऊ दो रेल ट्रैक की जगह चार रेल ट्रैक बनाए जाने के लिये रेलवे ने 2 जुलाई 2019 को बस्ती में नोटिसें जारी हुई। वह नोटिस भी हवा हवाई हो गई।

जिसके बाद कोर्ट के आदेश पर ट्रैक के किनारे बस्ती हटाने को लेकर 2020 सितंबर माह में बस्ती में नोटिस चस्पा की गई थी, फिर भी बस्ती को नहीं हटाया गया। इधर आदर्श स्टेशन योजना के तहत रेलवे की कायाकल्प कराया जा रहा है।

जिस पर एनआर के सीनियर सेक्शन इंजीनियर कार्य लाइन ने 26 अप्रैल को बस्ती में नोटिस जारी कर अपने झुग्गी झोपड़ी को हटाने के लिये 3 मई तक के निर्देश दिये थे लेकिन किसी ने अपने आशियाने नहीं हटाये। जिस पर गुरुवार को रेलवे ने कार्यवाही करते हुये आधा सैकड़ा से अधिक कच्चे पक्के मकानों को ध्वस्त कर दिया। जिससे सैकड़ों परिवार बेघर हो गये हैं।

स्टेशन के इर्द गिर्द है कई बीघा रेलवे की है जमीन

विभागीय सूत्रों की माने तो पुराने यातायात पुल चौराहा, राजीव नगर खंती व चंपापुरवा के मुख्य मार्ग की पूरी पट्टी रेलवे की जमीन में बसी है। यह जमीन कई बीघे बताई जा रही है। अधिकांश जमीन पर अवैध कब्जे हैं।

पालिका ने बस्ती में बिजली, पानी सड़क की व्यवस्था

राजीव नगर खंती अवैध होने के बावजूद पालिका की ओर से राजीव नगर बस्ती में बिजली के लिये खंभे, चमचमाती इंटरलॉकिंग, पानी की व्यवस्था कराई गई थी। करोड़ों के विकास कार्य भी हुये हैं। इतना ही नहीं बस्ती में रहने वाले लोगों का राशन कार्ड से लेकर मतदाता कार्ड तक बना हुआ है।

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