Unnao News: ऑनलाइन उपस्थिति दर्ज कराने को लेकर अमृत विचार ने टटोली अभिभावकों की नब्ज...कुछ बोले- जरूरी तो है
उन्नाव में अमृत विचार ने ऑनलाइन उपस्थिति दर्ज कराने को लेकर अभिभावकों की नब्ज टटोली
उन्नाव, अमृत विचार। परिषदीय विद्यालयों में पढ़ने वाले अधिकांश ग्रामीण अभिभावकों को शिक्षक-शिक्षिकाओं की ऑनलाइन उपस्थिति को लेकर खास सरोकार नहीं है। उनका कहना है कि विद्यालय खुल रहे हैं और बच्चे पढ़ने भी जा रहे हैं। इसलिए वह कोई प्रतिक्रिया नहीं जता पाते हैं। हालांकि कुछ अभिभावकों ने कहा कि ऑनलाइन हाजरी से लेट-लतीफी समाप्त हो जाएगी, जिससे समय पर पहुंचने पर बच्चों को खेलते हुए समय बिताने की समस्या समाप्त हो जाएगी।
आठ जून से ऑनलाइन उपस्थिति दर्ज कराने के आदेश पर अमल न करने वाले जिले के तमाम परिषदीय शिक्षकों का बीएसए संगीता सिंह ने एक दिन का वेतन रोक दिया था।
हालांकि शिक्षकों के विरोध को विपक्ष द्वारा लोकने की कोशिशों के साथ कुछ सांसद व एमएलसी की ओर से शिक्षकों का समर्थन किए जाते ही मुख्यमंत्री के हस्तक्षेप से डीजी स्कूल शिक्षा का संबधित आदेश स्थगित कर दिया गया। डिजिटल उपस्थिति पर अभिभावकों की नब्ज टटोलने की कोशिश करने पर मिलीजुली प्रतिक्रिया मिली।
उच्च प्राथमिक विद्यालय करौली की विद्यालय प्रबंध समिति के अध्यक्ष रह चुके बिंदा प्रसाद कहते हैं कि अधिकारियों को बेहतर काम लेने के लिए शिक्षकों का भरोसा जीतना चाहिए, न कि उन्हें शक की नजर से देखते हुए स्वयं की पीठ ठोकने पर अमल सही है। विद्यालय पहुंचने के बाद भी नेटवर्क की समस्या से हाजरी न दर्ज कराने वालों को बाद में सफाई देनी पड़ेगी। इसलिए पहले व्यवस्थाएं सुदृण की जाएं।
इसी तरह औरास की रूपा मौर्या ने कहा कि ग्रीष्मावकाश समाप्त होने के बाद से बच्चे तो प्रतिदिन विद्यालय जा रहे हैं। साथ ही पूरे समय विद्यालय में रहकर पढ़ते भी हैं। इसलिए आंदोलन को लेकर वह कुछ कह नहीं सकती हैं। उन्होंने स्वीकार किया कि पहले की अपेक्षा अब विद्यालयों का अधिक बेहतर संचालन हो रहा है।
स्टेशन रोड बांगरमऊ निवासी लता देवी ने ऑनलाइन उपस्थिति को लेकर अनभिज्ञता जताई। कहा उनका कक्षा चार में पढ़ने वाला बेटा सचिन रोज परिषदीय विद्यालय में पढ़ने जाता है, जहां उसे एमडीएम प्राप्त होता है। साथ ही ड्रेस, जूता-मोजा व स्वेटर खरीदने के लिए बैंक एकाउंट में पैसे भी प्राप्त होते हैं।
नसीमगंज बांगरमऊ में ही रहने वाले इस्माइल ने बताया कि प्राथमिक विद्यालय ग्रामीण में उनकी बेटी हुमैरा कक्षा तीन में पढ़ती जहां, जहां शिक्षक-शिक्षिकाएं बच्चों को ठीक पढ़ाते हैं। उन्होंने कहा कि दूरस्थ गांवों से शिक्षकों के समय पर विद्यालय न पहुंचने की शिकायतें मिलती हैं। इसलिए ऑनलाइन उपस्थिति लागू होने से इस समस्या से निजात मिल जाएगी।
