कासगंज: हाई वोल्टेज ड्रामे की घटनाएं दे रही गवाही, दर्ज नहीं होते मामले, पीड़िताओं ने दो थानों में जान देने की कोशिश कर खोली पुलिस की कलई

Amrit Vichar Network
Published By Deepak Shukla
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कासगंज, अमृत विचार। अपराध कम नहीं हुए बल्कि थानों में सहजता से पीड़ितों के मामले दर्ज नहीं होते। पीड़िताओं द्वारा आए दिन किए जा रहे हाई वोल्टेज ड्रामे की घटनाएं इस बात की गवाही दे रही हैं। मंगलवार को ही पटियाली क्षेत्र के दो थानों में अलग अलग पीड़ितों ने हाई बॉल्टेज ड्रामा किया। हालांकि उनके ड्रामे के बाद उन्हें न्याय मिलता दिखा और पुलिस बैकफुट पर दिखाई दी है। 

केस नंबर वन

थाना पटियाली में सोमवार की रात गांव हथौड़ा वन के गौतम सिंह उनकी मां ने हाई बॉल्टेज ड्रामा किया। मां-बेटे ने शरीर पर ज्वलनशील पदार्थ छिड़कर आत्महत्या की कोशिश की। पुलिस पर तमाम आरोप लगे। पुलिस ने मामला तूल पकड़ते देखा तो एफआईआर दर्ज कर ली। उस समय चर्चा तेज हुई जब इतने हाई वोल्टेज ड्रामे के बाद मामला दर्ज हुआ है तो साधरण व्यक्ति को पुलिस किस तरह टाल देती होगी। पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल भी उठे। 

केस नंबर दो  

मंगलवार को पटियाली क्षेत्र के थाना सिकंदपुर वैश्य के परिसर में भी हाई वोल्टेज ड्रामा हुआ। यहां पंजाब के जालंधर की महिला जिसकी शादी सिकंदरपुर वैश्य थाना क्षेत्र के गांव में हुई है। उसने थाना परिसर में विषाक्त खाकर जान देने की कोशिश की। पुलिस ने महिला की जान खतरे में देखी तो अपनी जान बचाने के लिए एफआईआर दर्ज कर ली। यहां भी पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल उठ रहे थे। अब पुलिस पर तरह तरह के आरोप भी थे। 

अफसर झाड़ते रहते हैं पल्ला 

पुलिस महकमे के कुछ बड़े अफसर तो फोन ही नहीं उठाते तो कुछ अधिकारी कुछ भी कहने से सकुचाते हैं। उन्हें उच्च अधिकारियों का डर सताया रहता है और पल्ला झाड़ते नजर आते हैं। इन घटनाओं में भी ऐसा ही हुआ।

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