कासगंज : जिले में फर्जी जन्म प्रमाण पत्र मिलने के बाद भी तह तक नहीं पहुंच सकी पुलिस
सोरों,कासगंज, गंजडुंडवारा में फर्जी जन्म प्रमाण पत्र के आ चुके हैं कई मामले सामने
कासगंज, अमृत विचार। जिले में फर्जी जन्म प्रमाणपत्र बनने के तमाम मामले सामने आ चुके हैं। जनता के साथ कई फर्जी प्रमाण-पत्र बनाकर धोखाधड़ी की गई है, लेकिन पुलिस फर्जी प्रमाण पत्र बनाने वाले की तह तक नहीं पहुंच सकी। फर्जी प्रमाणपत्र बनने का सिलसिला बदस्तूर जारी हैं। हालांकि फर्जी जन्म प्रमाण-पत्र बनने की शिकायते जनसेवा केंद्र से आती रहती हैं, लेकिन पुलिस फर्जी जन्म प्रमाण पत्र बनाने वाले रैकेट का राजफाश करने में नाकाम साबित हो रही है।
केस नंबर एक
कासगंज कोतवाली में फर्जी जन्म प्रमाण पत्र बनाने का मामला सामने आया था। बच्चे का जन्म प्रमाण पत्र बनवाने में ठगी का शिकार हुआ मुहल्ला बडडू नगर निवासी मोहम्मद राशिद ने ही मुहल्ले में संचालित जन सेवा केन्द्र पर बेटे असद अहमद का जन्म प्रमाण पत्र बनवाया था। जब वह अशोक नगर सीएचसी पर दिखाने पहुंचे, तो वह फर्जी निकला। उन्होंने बाद में जन्म प्रमाण पत्र फर्जी बनाने की तहरीर जनसेवा केंद्र संचालक के खिलाफ कोतवाली पुलिस को दी । पुलिस ने तहरीर के आधार पर मामले की जांच पड़ताल की और फिर यह जांच पड़ताल कागज की तूती बनकर कचरे के ढेर में दबकर रह गई है। पुलिस ने तह तक जानना मुनासिब नहीं समझा।
केस नंबर दो
सोरों कोतवाली पुलिस ने फर्जी जन्म प्रमाणपत्र के मामले में एक जन सेवा केन्द्र पर छापा मार कार्रवाई की थी। मुकदमा लिखा था। संचालक आकाश सक्सेना निवासी मुहल्ला कटरा, गौरव निवासी कसेरे बाजार को गिरफ्तार कर जेल भेजा था, लेकिन पुलिस ने फर्जी जन्म प्रमाण पत्र बनाने वाले गिरोह का राजफाश नहीं किया गया।जेल भेजने तक ही कार्रवाई सिमिट कर रह गई।
केस नंबर तीन
गंजडुंडवारा के सिकहरा निवासी पप्पू ने अपने बेटे दीपक का जन्म प्रमाणपत्र जन सेवा केन्द्र से बनवाया था। केंद्र संचालक ने दो दिन के अंदर ही जन्म प्रमाण पत्र बना कर दे दिया था।जब आधार नामांकन कराने पहुंचे तो जन्म प्रमाण पत्र फर्जी निकला। उन्होंने गंजडुंडवारा पुलिस को तहरीर देकर मामले में कार्रवाई की मांग की थी।
केस नंबर चार
गंजडुंडवारा विकास खंड क्षेत्र के नगला आशानंद के चिरोला निवासी तेजेन्द्र सिंह भी फर्जी जन्म प्रमाण पत्र के शिकार हुए हैं।वह अपनी बेटी सविता के विद्यालय में आधार कार्ड की अनिवार्यता के चलते उसके नामांकन हेतु जन्म प्रमाण पत्र बनवाया था। जन सेवा केन्द्र संचालक द्वारा कुछ ही देर मे बना के दिया था, जब यह आधार नामाकंन को पहुंचे तो आपरेटर द्वारा प्रमाण पत्र के बारे मे उनसे जानकारी ली जिसमे दी, जानकारी से वह संतुष्ट नही हुए ।उसके द्वारा ऑनलाइन प्रमाण पत्र को चैक किया तो यह भी फर्जी निकला।
एडीएम आरके पटेल का कहना है कि जिले में फर्जी जन्म प्रमाण पत्र बनाने के मामले सामने आ रहे हैं। टीम गठित कर जन सेवा केन्द्रो की जांच पडताल कराई जाएगी। मामला पकड़े जाने पर संचालक के खिलाफ सुसंगत धाराओं में कार्रवाई कर जेला भेजा जाएगा।
यह भी पढ़ें- बंदर का आतंक : एक सप्ताह में पांच लोगों जख्मी