मुरादाबाद: मिलों पर किसानों का 1130 करोड़ बाकी, आंदोलन की तैयारी

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मुरादाबाद,अमृत विचार।  मिल प्रबंधन और सरकार के बीच मंडल के गन्ना किसान फंस गये हैं। बकाया मूल्य भुगतान नहीं होने से किसानों में गुस्सा पनप रहा है और मिल प्रबंधन गन्ने की पेराई शुरू करने से कतरा रहे हैं। पंद्रह अक्टूबर से मिलों में पेराई शुरू होने का ऐलान था। इसके बाद भी मंडल में …

मुरादाबाद,अमृत विचार।  मिल प्रबंधन और सरकार के बीच मंडल के गन्ना किसान फंस गये हैं। बकाया मूल्य भुगतान नहीं होने से किसानों में गुस्सा पनप रहा है और मिल प्रबंधन गन्ने की पेराई शुरू करने से कतरा रहे हैं। पंद्रह अक्टूबर से मिलों में पेराई शुरू होने का ऐलान था। इसके बाद भी मंडल में केवल एक मिल ने पेराई शुरू की है। मंडल की मिलों पर किसानों का 1130 करोड़ रुपये बाकी हैं।
पेराई सत्र विलंबित होने से किसान नाराज हैं।

चूंकि सराकर का दावा था कि मिलों के चलने के पहले बकाया का भुगतान हो जाएगा। लेकिन उसके बाद भी मिलें किसानों का भुगतान नहीं कर रहीं हैं। सूत्रों का कहना है कि भुगतान नहीं करने वाली मिलें मशीनों की मरम्मत का बहाना बनाकर पेराई सत्र में देर कर ही हैं। सरकार ने पंद्रह अक्टूबर से पेराई सत्र शुरू करने को कहा था तो मिल प्रबंधन ने 25 अक्टूबर तक का समय मांग लिया था। उसके बाद भी मिलें चालू नहीं हो पाईं हैं। भुगतान नहीं होने और मिलों के समय से नहीं शुरू होने से किसान गुस्सा में हैं।

खेती का बढ़ा रकबा
मुरादाबाद मंडल को गन्ने का क्षेत्र कहा जाता है। मंडल के पांचों जिलों के किसानों ने पिछली साल चार लाख 68 हजार हेक्टेयर जमीन में गन्ने की खेती की थी। इस साल गन्ने का क्षेत्रफल बढ़कर पांच लाख 14 हजार हेक्टेयर हो गया है। हैरानी की बात यह है कि हर साल गन्ने की बेकद्री होने के बाद भी क्षेत्रफल बढ़ता ही जा रहा है। इसके पीछे वजह यह है कि गन्ने की फसल किसान को ऐसे वक्त पर मिलती है, जब किसान को फसलों के अलावा घरों में खुशियां मनाने के लिए रुपयों की जरूरत होती है।

मुरादाबाद मंडल में गन्ने की खेती
जिला रकबा (हेक्टेयर में)

बिजनौर दो लाख 47 हजार 471

अमरोहा 94 हजार 950 हेक्टेयर

सम्भल 53 हजार 557

रामपुर 35 हजार 247

मुरादाबाद 23 हजार 206

मुरादाबाद की मिलों पर 120 करोड़ बाकी
चीनी मिल बकाया

बेलबाड़ा 30 करोड़

बिलारी 40 करोड़

रानीनागल 30 करोड़

अगवानपुर 20 करोड़

बकाया भुगतान एक नजर में

जिला भुगतान (प्रतिशत में)

रामपुर 85.53

मुरादाबाद 84. 66

अमरोहा 83. 93

सम्भल 82. 84

बिजनौर 82.28

दावे की निकली हवा, नहीं शुरू हुई पेराई
मुरादाबाद। पंद्रह अक्टूबर से चीनी मिलों में पेराई शुरू कराने का सरकारी दावा फेल कर गया। बड़ी मश्क्कत के बाद संभल के चंदौसी की मिल शुरू हो पाई है। कल से माह के आखिर तक स्योहारा, धामुपर, बुनकी, बहादरपुर, रानीनांगल, असमोली, रजपुरा, मिलक नारंगपुर, करीमगंज की मिलों का शुभारंभ होना है। जबकि बिजनौर, नगीना, बरकतपुर, बिलाई, अगवानपुर मिल नवंबर माह के पहले सप्ताह में शुरू होनीं हैं। उधर, रामपुर जिले के बिलासपुर की मिल के सोलह नवंबर से चलने की संभावना है। मंडल की इकलौती चंदौसी की मिल शुरू हो पाई है। यह वीनस ग्रुप की इकाई है।

चौ. ऋषिपाल सिंह, वरिष्ठ उपाध्यक्ष भाकियू
गन्ना बकाया भुगतान के मुद्दे पर सरकार का वायदा फेल हो चुका है। इसके लिए किसानों में बहुत उबाल है। नवंबर माह के पहले सप्ताह में संगठन की ओर से गन्ना मूल्य भुगतान, धान खरीद सहित अन्य सवालों पर आरपार की जंग का ऐलान होगा। कृषि कानून और गन्ना भुगतान को लेकर किसान सरकार से नाराज हैं।

बीरेंद्र कुमार सिंह, मंडलायुक्त

मिल प्रबंधन ने गन्ना मूल्य भुगतान को लेकर पूरा भरोसा दिया है। करीब 85 प्रतिशत बकाया का भुगतान हो चुका है। तीन दिन में और सुधार होगा। सरकार नक कहा है कि मिल चलने तक बकाया का भुगतान कर देना है। इस बात को लेकर प्रशासन सतर्क है। मिलों को पत्र जारी किया गया है। बरेली, सहारनपुर, मेरठ मंडल से मुरादाबाद की स्थित बेहतर है।

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