लखीमपुर खीरीः लेखपाल की पिटाई का मामलाः फंसा ये पेच...नहीं होगी आरोपियों की गिरफ्तारी, समझौते की कोशिश में जुटे आरोपी

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Published By Deepak Shukla
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लखीमपुर खीरी, अमृत विचार। थाना सिंगाही क्षेत्र में हल्का लेखपाल मोहन कश्यप की पिटाई करने के आरोपियों की गिरफ्तारी को लेकर पेंच फंस गया है। आरोपियों के खिलाफ लगी धाराओं में सात साल से कम की सजा होने के कारण पुलिस उन्हें गिरफ्तार नहीं कर रही है। उधर आरोपी पीड़ित लेखपाल पर समझौता करने का दबाव भी बनाने लगे हैं। 

बतादें कि तहसील निघासन की ग्राम पंचायत निबौरिया के लेखपाल मोहन कश्यप की 16 अगस्त को निबौरिया के ग्राम प्रधान झगडू, पूर्व प्रधान वीरेंद्र कुमार वर्मा और गांव मोतीपुर निवासी हरीश पटेल ने जमकर पिटाई की थी। उनका बस्ता छीन लिया था और सरकारी अभिलेख भी फाड़ डाले थे। 

पुलिस ने 18 अगस्त को आरोपियों के खिलाफ सरकारी कार्य में बाधा, मारपीट समेत बीएनएस की 10 धाराओं में रिपोर्ट दर्ज की थी। पुलिस के मुताबिक इन सभी धाराओं में सात साल से कम की सजा है, इसलिए आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं की जा सकती। पुलिस आरोपियों को नोटिस तामिल कराएगी। उधर आरोपी अब पीड़ित लेखपाल से समझौता करने की कोशिश करने में जुट गए हैं।  

इन धाराओं में दर्ज हुई रिपोर्ट

लेखपाल मोहन कश्यप के साथ मारपीट करने, उसका बस्ता छीनकर सरकारी अभिलेख फाड़ने के मामले में सिंगाही पुलिस ने आरोपी प्रधान झगड़ू, पूर्व प्रधान वीरेंद्र वर्मा और मोतीपुर निवासी हरीश पटेल के खिलाफ बीएनएस की धारा 191 (2), 191 (3), 115 (2), 118 (1), 126 (2), 121 (1), 131, 132, 324 (4) व 352 के तहत दर्ज की है।

दहशत में लेखपाल, प्रभावित हो रहा काम

लेखपाल मोहन कश्यप के पास ग्राम पंचायत निबौरिया और कड़िया का चार्ज है। 16 अगस्त को हुई मारपीट के बाद से लेखपाल काफी दहशत में है। इस वजह से वह अपनी ग्राम पंचायतों को जाने से कतरा रहे हैं। इससे गांवों का सरकारी कार्य भी प्रभावित हो रहा है।  

जिन धाराओं में एफआईआर दर्ज की गई है। उन धाराओं में ऐसी कोई धारा नहीं है, जिसमें सात साल से अधिक की सजा का प्रावधान हो। सभी में सात साल से कम की सजा है, इसलिए आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं हो सकती है। फिलहाल पुलिस घटनाक्रम पर पूरी नजर बनाए हुए है।- प्रवीण कुमार सीओ निघासन

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