Avanish Dixit: कानपुर प्रेस क्लब के पूर्व अध्यक्ष अवनीश दीक्षित के एक दर्जन आर्थिक मददगार चिह्नित...वसूली बंदर मनोज से जेल में होगी पूछताछ

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Published By Nitesh Mishra
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अवनीश के एक दर्जन आर्थिक मददगार चिह्नित


कानपुर, अमृत विचार। 23 अगस्त की शाम पुलिस ने पूर्व प्रेस कल्ब अध्यक्ष अवनीश दीक्षित को रिमांड अवधि पूरी होने के कुछ घंटे पहले ही जेल में दाखिल कर दिया। इससे पहले सिविल लाइंस स्थित एक कारोबारी के घर पुलिस ने दबिश दी थी।

कारोबारी के ऑफिस में आने जाने वाले, अवनीश और उस कारोबारी से आर्थिक रूप से संबंध रखने वाले लगभग एक दर्जन लोगों की लिस्ट पुलिस के पास आ चुकी है। अवनीश के साथ नजूल की बेशकीमती जमीन कब्जाने में शामिल रहे आरोपियों पर अलग-अलग थानों में जमीनी विवाद, एससीएसटी एक्ट, रंगदारी और खाली जमीन पर अपना बोर्ड लगाने के मामले दर्ज हैं। इन सभी मुकदमों में 27 नामजद और 40 अज्ञात लोग हैं। 

फरार आरोपियों की कुर्की की तैयारी, मनोज से जेल में पूछताछ

पुलिस अब तक अवनीश समेत तीन लोगों को गिरफ्तार कर सकी है। फरार 24 आरोपियों में से 9 पर 25-25 हजार का इनाम है। पुलिस अब आरोपियों पर इनाम बढ़ाने की तैयारी कर रही है। कुर्की की कार्रवाई करने की भी तैयारी है। अवनीश के साथी मनोज यादव से बादशाहीनाका में दर्ज हत्या के प्रयास के मामले में जेल जाकर पूछताछ होगी।

नौकरी छोड़ चलाने लगा था ई-रिक्शा

मामले में वांछित अशोक नगर निवासी सुनील शुक्ला के ड्राइवर को पुलिस ने हिरासत में लेकर पूछताछ की, तो उसने चौंकाने वाला खुलासा किया। उसने बताया कि उसे पता ही नहीं चला कि कब उसे कंपनी में शामिल कर लिया गया। जब इसका पता चला तो उसने नौकरी छोड़ कर ई रिक्शा चलाना शुरू कर दिया।

कमलेश फाइटर की तलाश में छापेमारी तेज

नजीराबाद व कर्नलगंज थाने में रिपोर्ट दर्ज होने के बाद कमलेश फाइटर फरार चल रहा है। पुलिस उसकी तलाश में लगातार छापेमारी कर रही है। पुलिस कमलेश के खिलाफ कोर्ट खुलने पर नोटिस जारी कराएगी।

छापे से पहले भाग निकले सटोरिये के साथी

सटोरिये मासूम की गिरफ्तारी के बाद पुलिस उसके फरार साथियों लकी ठाकुर, तल्हा जैन, शाकिब व विकास अवस्थी की तलाश कर रही है। शनिवार को कर्नलगंज इंस्पेक्टर रविंद्र श्रीवास्तव को आरोपियों के स्वरूप नगर स्थित ड्रामा लाउंज में होने की सूचना मिली। कर्नलगंज इंस्पेक्टर ने पुलिस टीम के साथ मौके पर छापेमारी की, लेकिन आरोपी फरार हो गए।

थाना प्रभारी के मुताबिक आरोपियों को छापेमारी की जानकारी हो चुकी थी। उन्होंने बताया कि छापेमारी से चंद मिनटों पहले उनके थाने में तैनात दरोगा के पास एक फोन आया। अंदेशा जताया कि फोन करने वाले ने गुमराह करने के लिए थाने में पुलिस कमिश्नर के आने की बात कही। वह उसकी बातों में उलझ गए तब तक आरोपी फरार हो गए। थाना प्रभारी ने बताया कि मामले की जानकारी उच्चाधिकारियों को दी जाएगी।

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