बरेली:जारी हुआ फतवा, धार्मिक जुलूसों में डीजे और नाच-गाना हराम

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Published By Pradeep Kumar
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बहराइच के निहाल रजा अंसारी के सवाल पर बरेलवी उलमा ने जारी किया फतवा

बरेली, अमृत विचार : बरेलवी उलमा ने मुसलमानों के धार्मिक जुलूसों में डीजे और नाच-गाने को नाजायज बताते हुए फतवा जारी किया है। फतवे में मुस्लिम युवाओं को नसीहत दी गई है कि वे गुनाहों से तौबा कर नाजायज कामों से दूर रहें।

चश्म ए दारुल इफ्ता के मुफ्ती मौलाना शहाबुद्दीन रजवी ने फतवे में कहा है कि कुछ मुस्लिम नौजवान जुलूस-ए-मोहम्मदी जैसे धार्मिक जुलूसों जैसे और उर्स के दिनों में डीजे के इस्तेमाल के साथ गाने-बाजे पर हाथों में रुमाल लहराते हुए डांस करते हैं जो शरियत की नजर में नाजायज और हराम है। इस तरह के गैर शराई काम करने वाले अपने गुनाहों से तौबा करें और नाजायज और हराम कामों से दूरी बनाए रखें। बहराइच के गांव सैदापुर के निहाल रजा अंसारी के सवाल पर दारुल इफ्ता ने यह फतवा जारी किया है। फतवे में कहा गया है कि पैगंबर इस्लाम के पाकीजा जुलूस ईद मिलादुन्नबी में गलत काम करना शैतानी कामों को बढ़ावा देना है।


फतवे में यह भी कहा गया है कि अगर ऐसे लोग बाज न आएं तो मुसलमानों के लिए जरूरी है कि उन्हें धार्मिक जुलूसों में शामिल नहीं होने दें। डीजे लाने वालों को जुलूस से बाहर कर दें। शहाबुद्दीन रजवी ने कहा कि जुलूसे मोहम्मदी बहुत पाकीजा और सफाई वाला दिन है। उस दिन पूरी दुनिया को पैगंबर ए इस्लाम के अमन का पैगाम दिया जाना चाहिए। क्योंकि सभी को कयामत के दिन खुदा और रसूल को मुंह दिखाना है।

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