Unnao: अधेड़ ने फांसी लगाकर दी जान; लोग बोले- पुलिस अक्सर घर पर देती थी दस्तक, भयभीत होकर की खुदकुशी

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Published By Deepak Shukla
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उन्नाव, अमृत विचार। मानसिक तनाव के चलते अधेड़ ने फांसी लगाकर जीवन लीला समाप्त कर ली। सूचना पर पहुंची पुलिस ने जांच के बाद शव पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। घटना के समय अधेड़ घर पर अकेला था। जबकि उसकी पत्नी और सौतेला पुत्र कानपुर में था। 

बता दें बांगरमऊ के मोहल्ला सैय्यद वाड़ा निवासी रमेश उर्फ सटल्लू (50) पुत्र श्रीकृष्ण वाहन चालक था। उसका सौतेला बेटा नीलू कानपुर में रहता था। जबकि उसकी पत्नी सुनीता बीते मंगलवार को इलाज हेतु कानपुर गई थी। बीती रात रमेश घर पर अकेला था। शुक्रवार सुबह रमेश का शव कमरे में लगे पंखे के सहारे लटका मिला। 

सूचना पर पहुंची पुलिस ने शव पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। रमेश की मौत की सूचना पर उसकी पत्नी और पुत्र मौके पर आ गए। रमेश की पत्नी सुनीता व मोहल्ले वालों ने बताया कि रमेश के विरुद्ध सदर कोतवाली में पुलिस से मुठभेड़ और लूट का मुकदमा दर्ज था। 

मामला कोर्ट में विचाराधीन है। इसके चलते वह हमेशा मानसिक तनाव में रहता था। उसकी पत्नी ज्यादातर कानपुर में बेटे के पास रहती थी। मोहल्ले वासियों के मुताबिक अक्सर पुलिस उसके दरवाजे पर दस्तक देती थी। जिससे वह काफी परेशान रहता था। पुलिस के डर से रमेश रोज रात अपने मकान के बाहरी दरवाजे में बाहर से ताला लगवा देता था और सुबह ताला खुलवा देता था। 

बीती रात भी रमेश का एक परिचित घर के बाहर दरवाजे में ताला लगा कर गया था। सुबह जब उसने ताला खोला तो देखा कि रमेश का शव फंदे से लटका था। रमेश के अधिवक्ता बृजेंद्र मोहन बाजपेई ने बताया कि रमेश के विरुद्ध पुलिस मुठभेड़, आर्म्स एक्ट व लूट का मामला सदर कोतवाली में दर्ज है। जिसमें कोर्ट से वह पुलिस मुठभेड़ व आर्म्स एक्ट में बरी हो चुका है। जबकि लूट के मामले में भी गवाह गवाही से पलट गया है। जिससे यह माना जा रहा था कि रमेश का लूट के मामले में भी बरी होना तय है।

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