मुरादाबाद : श्रीमद्भागवत कथा मनुष्यों के परमकल्याण का आधार

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Published By Bhawna
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आकाश रेजिडेंसी सोसायटी में कथा का पहला दिन

कथा व्यास धीरशान्त

मुरादाबाद, अमृत विचार। कांठ रोड स्थित आकाश रेजिडेंसी सोसायटी में श्रीमद्भागवत कथा का शुभारंभ भव्य कलश यात्रा से हुआ। कलश यात्रा क्षेत्र की गलियों से होकर कथा स्थल पर आकर समाप्त हुई। इसके बाद चौकी पूजन, कलश स्थापना और अन्य विधिविधान से कथा का शुभारंभ कथा व्यास धीरशान्त ''अर्द्धमौनी''ने किया। उन्होंने कहा कि श्रीमद्भागवत चौरासी लाख योनियों में परमकल्याणकारी है। इसकी शरणागति से मुक्ति मार्ग प्रशस्त हो जाता है।

कथा व्यास ने कहा कि जिसने भगवान के प्रति आत्म-समर्पण कर दिया है, वह सदा-सर्वदा प्रसन्नतापूर्वक यन्त्र की भांति भगवान का कार्य करता रहता है। वह किसी भी स्थिति में प्रतिकूलता का अनुभव नहीं करता। उसकी प्रतिकूलता-अनुकूलता भगवान की मंगलमयी इच्छा में मिलकर उल्लास की स्थिति के बदल जाती है। हमारी वास्तविक उद्देश्य इसी में है कि हम भीतर से शुद्ध बन जायँ। समाज में लोग चाहे हमें अच्छा न माने अथवा अच्छा न जाने अथवा अच्छा न कहें, पर हमारे भाव अगर अच्छे हैं तो हमारे चित्त में हर समय आनन्द रहेगा, प्रसन्नता रहेगी और मरने पर सद्गति होगी। समाज हमें अच्छा ही कहे-यह हमारे हाथ की बात नहीं है। समाज हमें अच्छा भी कहेगा और बुरा भी कहेगा। पर हम अच्छे बन जाएं, बुरे न बनें, यह हमारे हाथ की बात है। केवल परमात्मा श्रीकृष्ण की आवश्यकता का अनुभव करो तो वह पूरी हो जायगी।

कथा की व्यवस्था में सुभाष चन्द्र, शोभित गुप्ता, योगेश चन्द्र, प्रवेश चन्द्र, अमित सिंह, सर्वेश कुमार, नितेश कुमार, मनीष कुमार, अनिवाश कुमार, अमरीश कुमार तुषार सिंह, विवेक कुमार आदि ने सहयोग दिया।

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