Kanpur मेट्रो कॉरिडोर-2 में टनल निर्माण की हुई शुरुआत, रावतपुर-डबल पुलिया अंडरग्राउंड सेक्शन में टीबीएम मशीन ‘गोमती‘ लॉन्च

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Published By Deepak Shukla
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कानपुर, अमृत विचार। उत्तर प्रदेश मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन लि. (यूपीएमआरसी) ने आज कानपुर मेट्रो रेल परियोजना के सिविल निर्माण कार्य में एक और मील का पत्थर पार कर लिया है। आज यूपीएमआरसी के प्रबंध निदेशक सुशील कुमार, निदेशक/वर्क्स एण्ड इंफ्रास्टक्चर, सी.पी. सिंह, निदेशक/रोलिंग स्टॉक, नवीन कुमार एवं अन्य वरिष्ठ अधिकारियों की उपस्थिति में कॉरिडोर-2 (सीएसए - बर्रा-8) के अंडरग्राउंड सेक्शन का टनल निर्माण कार्य आरंभ हुआ।

संपूर्ण परियोजना की पांचवी और कॉरिडोर-2 की पहली टीबीएम मशीन ‘गोमती‘ को रावतपुर एलिवेटेड स्टेशन के निकट बने लॉन्चिंग शाफ्ट से ‘अप-लाइन‘ पर लॉन्च कर दिया गया। यह मशीन सबसे पहले रावतपुर से कंपनी बाग चौराहे की दिशा में आगे बढ़ेगी और कॉरिडोर-2 डिपो रैंप तक लगभग 650 मीटर लंबे टनल का निर्माण करेगी। ‘डाउनलाइन‘ पर टनल निर्माण के लिए आने वाले दिनों में छठे टीबीएम मशीन को भी लॉन्च किया जाएगा। 

वर्तमान रावतपुर एलिवेटेड स्टेशन के विस्तार यानी इससे जुड़कर बन रहे अंडरग्राउंड स्टेशन के निर्माण के बाद, यह स्टेशन दोनों कॉरिडोर को जोड़ने वाला अहम स्टेशन होगा। इस अंडरग्राउंड स्टेशन के निर्माण स्थल पर कुछ दिन पहले ही 'गोमती' टीबीएम मशीन के सभी हिस्सों को लगभग 15 मीटर गहरे लॉन्चिंग शाफ्ट में लोअर या जमीन के नीचे उतारने की प्रक्रिया पूरी की गई थी। इसके बाद मशीन के सभी भागों और घटकों के असेंबलिंग की प्रक्रिया पूरी की गई। प्रबंध निदेशक सुशील कुमार ने आज यूपीएमआरसी एवं कांट्रैक्टिंग एजेंसी के वरिष्ठ अधिकारियों की उपस्थिति में बजर दबाकर इस मशीन को लॉन्च कर दिया।

कॉरिडोर- 2 के लगभग 4.10 किमी लंबे अंडरग्राउंड सेक्शन में सबसे पहले रावतपुर से कृषि विश्वविद्यालय के निकट स्थित कॉरिडोर-2 डिपो रैंप तक टनल का निर्माण होगा। इसके बाद मशीनों को पुनः रावतपुर अंडरग्राउंड स्टेशन में बने लॉन्चिंग शाफ्ट से काकादेव की दिशा में लॉन्च किया जाएगा, जहां काकादेव और डबल पुलिया होते हुए मशीन डबल पुलिया रैंप तक टनल का निर्माण करेंगी। 

इस अवसर पर यूपीएमआरसी की पूरी टीम को बधाई देते हुए प्रबंध निदेशक सुशील कुमार ने कहा, “टनल बोरिंग मशीन, टनल निर्माण का सबसे प्रभावी और सुरक्षित माध्यम हैं। ये मशीनें ‘अर्थ प्रेशर बैलेंस’ प्रणाली के तहत काम करती हैं और शहर के बीचों-बीच, सड़कों पर चलने वाले यातायात को प्रभावित किए बिना, पूरी सुरक्षा के साथ भूमिगत टनल का निर्माण करने में सक्षम होती हैं। 

कॉरिडोर-1 के बैलेंस सेक्शन के साथ-साथ कॉरिडोर-2 के सिविल निर्माण कार्य में तेजी से प्रगति हो रही है। निकट भविष्य में रेलवे लाइन के दोनों तरफ के लोग इस नए सुविधापूर्ण मार्ग के खुल जाने से निर्बाध आवागमन का लाभ उठा पाएंगे"। प्रबंध निदेशक ने टीबीएम लॉन्च के बाद कानपुर मेट्रो के निर्माणाधीन स्टेशनों का मुआयना कर परियोजना की प्रगति का जायजा भी लिया।

प्रदेश की नदी के नाम पर रखा गया टीबीएम मशीन का नाम 

कॉरिडोर-1 (आईआईटी - नौबस्ता) के अंतर्गत टनल निर्माण के लिए प्रयोग किए गए चारों टीबीएम मशीनों के नाम देश की आज़ादी में अहम भूमिका निभाने वाले क्रांतिकारियों के नाम पर; ‘नाना‘, ‘तात्या‘, ‘आजाद‘ और ‘विद्यार्थी‘ रखे गए थे। आज लॉन्च हुई कॉरिडोर-2 (सीएसए - बर्रा-8) की पहली टीबीएम मशीन का नाम प्रदेश की महत्वपूर्ण नदी ‘गोमती‘ के नाम पर रखा गया है। 

बता दें कि लगभग 24 किमी लंबे कॉरिडोर-1 (आईआईटी-नौबस्ता) के अंतर्गत कानपुर मेट्रो की यात्री सेवाएं  9 किमी लंबे प्रॉयरिटी कॉरिडोर (आईआईटी-मोतीझील) पर चल रहीं हैं। कॉरिडोर-1 के चुन्नीगंज से लेकर नौबस्ता तक बैलेंस सेक्शन और लगभग 8.60 किमी लंबे कॉरिडोर-2 (सीएसए-बर्रा 8) का सिविल निर्माण कार्य तेजी से आगे बढ़ रहा है।

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