खुद को CBI Officer और CJI बताकर ठगे 1.26 करोड़ रुपए, जानिए कैसे दिया ठगी को अंजाम

Amrit Vichar Network
Published By Deepak Mishra
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अहमदाबाद। कम्बोडिया के साइबर जालसाजों ने खुद को सीबीआई अधिकारी और भारत के प्रधान न्यायाधीश (सीजेआई) बताकर यहां एक वरिष्ठ नागरिक से 1.26 करोड़ रुपये की ठगी की, जिसके बाद चार स्थानीय निवासियों को धोखाधड़ी में शामिल होने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। पुलिस ने बुधवार को यह जानकारी दी।

अहमदाबाद साइबर अपराध शाखा के एक अधिकारी ने बताया कि ठगों ने ‘डिजिटल अरेस्ट’ (धन उगाही के लिए ऑनलाइन डराना-धमकाना) के जरिये शिकायतकर्ता को धन हस्तांतरित करने के लिए मजबूर किया।  उन्होंने बताया कि गिरफ्तार लोगों ने कथित तौर पर धोखाधड़ी के लिए अपने बैंक खातों का इस्तेमाल होने दिया। सहायक पुलिस आयुक्त (एसीपी) हार्दिक मकाडिया ने बताया कि अहमदाबाद शहर के रहने वाले मोहम्मद हुसैन जाविद, तरूणसिंह वाघेला, बृजेश पारेख और शुभम ठाकर को गिरफ्तार किया गया है। 

एसीपी ने बताया कि इस महीने की शुरूआत में एक अज्ञात व्यक्ति ने खुद को केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) में कार्यरत आईपीएस अधिकारी बताते हुए शहर के एक वरिष्ठ नागरिक को वीडियो कॉल किया और उन्हें बताया कि उनके बैंक खाते का इस्तेमाल धन शोधन गतिविधि के लिए किया गया है और खाते में बड़ी रकम जमा की गई है। पीड़ित को यह भी बताया गया कि उन्हें पांच साल के लिए जेल जाना पड़ सकता है, लेकिन उनकी उम्र को देखते हुए उन्हें गिरफ्तारी से बचाया जा सकता है, अगर वह वीडियो कॉल के जरिए जांच में सहयोग करें।

मकाडिया ने कहा, ‘‘इसके बाद तथाकथित पुलिस अधिकारी ने पीड़ित को बताया कि वीडियो कॉल के जरिए जांच करने के लिए उच्चतम न्यायालय में एक अनुरोध दायर किया गया है। फिर, गिरोह के एक अन्य सदस्य ने अपने को प्रधान न्यायाधीश बता कर पीड़ित को फोन किया। कॉल करने वाले ने मौजूदा सीजेआई की तस्वीर को अपनी ‘डीपी’ (डिस्प्ले पिक्चर) के रूप में इस्तेमाल किया।’’ 

खुद को सीजेआई बताने वाले व्यक्ति ने पीड़ित से कहा कि उनके मामले की सुनवाई उच्चतम न्यायालय में हो रही है और उनसे ऑनलाइन पूछताछ की जाएगी। अधिकारी ने कहा, ‘‘जालसाजों ने यह दावा करते हुए पीड़ित को अपने बैंक खातों में 1.26 करोड़ रुपये हस्तांतरित करने के लिए मजबूर किया, कि वे यह जांचना चाहते थे कि यह पैसा अपराध की आय का हिस्सा तो नहीं है। उन्होंने वीडियो कॉल के जरिए पीड़ित पर लगातार नजर रखी और पैसे हस्तांतरित करने के लिए उन्हें अपनी सावधि जमा तोड़ने के लिए भी मजबूर किया।’’ 

अधिकारी ने बताया कि आखिरकार पीड़ित को एहसास हुआ कि उनके साथ धोखाधड़ी की गई है और उन्होंने साइबर अपराध शाखा से संपर्क किया, जिसने सात अक्टूबर को प्राथमिकी दर्ज की। उन्होंने बताया कि जांच में पता चला कि जालसाजों ने पीड़ित को कम्बोडिया से फोन किया था। 

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