कानपुर में जमकर हुई आतिशबाजी से दीपावली पर हवा हुई जहरीली...तीन गुना तक बढ़ा वायु प्रदूषण, छाई धुंध की चादर

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Published By Nitesh Mishra
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पीएम-10 और 2.5 कणों की मात्रा मानक से दोगुनी पहुंची

कानपुर, अमृत विचार। शहर का एयर क्वालिटी इंडेक्स (एक्यूआई) 300 से ऊपर बेहद खराब श्रेणी में स्वास्थ्य के लिए खतरनाक रहा। दीपावली की रात कुछ इलाकों में  एक्यूआई 400 के आसपास तो नेहरूनगर इलाके में सर्वाधिक 450 तक दर्ज किया गया। किदवई नगर में भी वायु प्रदूषण का स्तर सामान्य से 3 गुना ज्यादा रहा। हवा में प्रदूषण बढ़ने से शुक्रवार और शनिवार को शहर के आसमान पर धुंध की चादर नजर आई।  

शहर में वायु प्रदूषण बढ़ने की सबसे बड़ी वजह त्योहार पर हुई जमकर आतिशबाजी रही। दीपावाली पर छुटाए गए पटाखों से प्रदूषण का स्तर तेजी से बढ़ा। इसके कारण बड़ी संख्या में लोगों को आंखों में जलन, सांस लेने में दिक्कत और दम फूलने जैसी समस्या का सामना करना पड़ा। 

सबसे ज्यादा परेशानी अस्थमा, श्वांस और ह्रदय रोगियों को हुई। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारियों ने बताया कि तापमान में गिरावट के साथ हवा ठंडी होकर वायुमंडल के सबसे निचले स्तर पर रह जाती है। 

हवा में मौजूद सस्पेंड पार्टिकुलेट मैटर (पीएम-2.5 और पीएम-10), डस्ट पार्टिकल और जहरीली गैसें वायुमंडल के ऊपरी हिस्से में नहीं जा पाती हैं, इसके कारण ही वायु प्रदूषण तेजी से बढ़ गया। कुछ हिस्सों में धुंध की परत छा गई। शहर की वायु गुणवत्ता बेहद खराब और खतरनाक श्रेणी में पहुंच गई। हवा में पीएम-10 और पीएम-2.5 जैसे प्रदूषण कणों की मात्रा मानक से दोगुनी दर्ज की गई।

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