हेमंत सोरेन कैबिनेट का हुआ विस्तार, राज्यपाल गंगवार ने दिलाई 11 विधायकों को मंत्री पद की शपथ 

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Published By Vishal Singh
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रांची। झारखंड में हेमंत सोरेन के नेतृत्व वाली सरकार में बृहस्पतिवार को झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के छह विधायकों सहित 11 विधायकों ने मंत्री पद की शपथ ली। राज्यपाल संतोष कुमार गंगवार ने यहां राजभवन के अशोक उद्यान में मंत्रियों को शपथ दिलाई।

मंत्री पद की शपथ लेने वाले झामुमो के छह विधायकों में सुदिव्य कुमार, दीपक बिरुआ, रामदास सोरेन, चमरा लिंडा, योगेंद्र प्रसाद और हफीजुल हसन शामिल हैं। कांग्रेस विधायक दीपिका पांडे सिंह, शिल्पी नेहा तिर्की, इरफान अंसारी और राधाकृष्ण किशोर ने मंत्री पद की शपथ ली, जबकि राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के संजय प्रसाद यादव को भी मंत्री पद की शपथ दिलाई गई।

झामुमो नेता हेमंत सोरेन ने 28 नवंबर को मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली थी। हेमंत सोरेन के नेतृत्व वाली सरकार में छह नए चेहरे शामिल किए गए हैं, जबकि दीपिका पांडेय सिंह, इरफान अंसारी, दीपक बिरुआ और रामदास सोरेन को दूसरी बार तथा हफीजुल हसन को तीसरी बार मंत्री पद मिला है।

शपथग्रहण समारोह की शुरुआत स्टीफन मरांडी द्वारा विधानसभा के ‘प्रोटेम स्पीकर’ के रूप में शपथ लेने के साथ हुई। गत सप्ताह हेमंत सोरेन के मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के बाद झामुमो के वरिष्ठ विधायक मरांडी को विधानसभा का ‘प्रोटेम स्पीकर’ नियुक्त किया गया था।

पिछले महीने झामुमो के नेतृत्व वाले गठबंधन ने लगातार दूसरी बार झारखंड में सत्ता हासिल की थी और 81 सदस्यीय विधानसभा में 56 सीट हासिल की थी, जबकि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) को 24 सीट मिली थी।

झारखंड विधानसभा चुनाव में राष्ट्रीय जनता दल (राजद) ने शानदार प्रदर्शन किया। पार्टी ने छह सीट पर चुनाव लड़ा था, जिनमें से चार पर उसके उम्मीदवार विजयी हुए। पार्टी को एक मंत्री पद मिला है। राजद 2019 में केवल चतरा सीट जीतने में सफल रहा था, जहां सत्यानंद भोक्ता जीते थे। मुख्यमंत्री सोरेन समेत 12 सदस्यीय मंत्रिमंडल में झामुमो से कुल सात मंत्री हैं।

झामुमो ने 43 सीट पर चुनाव लड़ा और 34 सीट जीतीं, जो विधानसभा चुनाव में पार्टी द्वारा जीती गईं अब तक की सबसे अधिक सीट हैं। कांग्रेस को चार मंत्री पद मिले हैं। पार्टी ने विधानसभा चुनाव में 16 सीट जीती थीं, जबकि भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी लेनिनवादी) (भाकपा-माले) लिबरेशन ने दो सीट हासिल की थीं।

भाकपा (माले) लिबरेशन ने पहले घोषणा की थी कि वह मंत्रिपरिषद का हिस्सा नहीं होगी। इन सभी दलों ने ‘इंडिया’ गठबंधन के सहयोगी के रूप में मिलकर चुनाव लड़ा था। भाजपा ने 68 सीट पर चुनाव लड़ा, 21 सीट पर जीत हासिल की और विधानसभा में दूसरी सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी। पिछले शनिवार को सोरेन के शपथग्रहण के बाद यह भी निर्णय लिया गया कि नौ से 12 दिसंबर तक विधानसभा सत्र आयोजित किया जाएगा।

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