बदायूं: पीजी में रहेंगे अधिवक्ता, जिला बार एसोसिएशन दिलाएगा सुविधा

Amrit Vichar Network
Published By Pradeep Kumar
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बदायूं, अमृत विचार। अधिवक्ता रोज सुबह अपने गांवों से आते हैं और देर शाम वापस लौट जाते हैं। जिससे उनका समय खराब होता है। थकावट और समय बर्बाद होने से वह अपने केस की तैयारी और वरिष्ठ अधिवक्ताओं से सलाह नहीं कर पाते। जिला बार एसोसिएशन के नवनिर्वाचित अध्यक्ष और महासचिव ने ग्रामीण अधिवक्ताओं की सुविधा की तैयारी की है। एसोसिएशन कार्यालय के हॉल में पीजी (पेइंग गेस्ट) की सुविधा दी जाएगी। जहां 30 से 40 अधिवक्ताओं के रुकने की व्यवस्था रहेगी। चुनाव जीतने के बाद पहली बार एसोसिएशन के अध्यक्ष और महासचिव ने प्रेस वार्ता करके जानकारी दी। 

निर्वाचित अध्यक्ष ने कहा कि वह महासचिव पद के लिए अनिवार्य 15 साल के अनुभव के बाद चुनाव लड़ा और लगातार तीन बार जीते। 25 साल का अनुभव पूरा होने पर अध्यक्ष पद पर चुनाव लड़कर जीते। हर समय मदद के लिए तैयार रहने पर साथी अधिवक्ताओं ने विजेता बनाया है। वह अधिकार के साथ पवन गुप्ता की जगह खुद को मानते हैं। जीत के बाद मंगलवार को उन्होंने प्रेस वार्ता की। कहा कि उनके परिवार में कोई अधिवक्ता नहीं था। पढ़ाई करने के बाद नए अधिवक्ता को कितने परेशानी होती है वह जानते हैं। वह अधिवक्ताओं की हर प्रकार से मदद को हमेशा तैयार रहते हैं और आगे भी रहेंगे। कहा कि एडवोकेट और एडवोकेसी उनकी प्राथमिकता है। जूनियर अधिवक्ताओं की प्रेक्टिस में आने वाली समस्या दूर करेंगे। ईमानदारी ऐसी करें जो सभी को दिखनी भी चाहिए। हड़ताल की वजह से काम प्रभावित होने के सवाल उन्होंने कहा कि अधिवक्ता अपनी समस्या के लिए ही हड़ताल करने को मजबूर होते हैं। अधिवक्ता किसी के बंधुआ मजदूर नहीं हैं। अधिवक्ता प्रोटेक्शन एक्ट लागू करने के बारे में कहा कि सरकार कहेगी लेकिन लागू नहीं करेगी। कहा कि शिक्षक एमएलसी बनाया जाता है फिर अधिवक्ता एमएलसी क्यों नहीं बनाया जा सकता ? जो अन्य से ज्यादा शिक्षित होंगे। ग्रामीण क्षेत्र से आने वाले अधिवक्ताओं के लिए पीजी की सुविधा शुरू कराई जाएगी। बेड और अलमारी का इंतजाम रहेगा। जिससे गांव से आने-जाने का समय बचेगा और आपसी बहस से नई जानकारी मिलेगी। उनकी क्षमता और जानकारी में वृद्धि होगी। एसोसिएशन फेमिली मेडिकल ग्रुप इंश्योरेंस के लिए भी प्रयासरत हैं। महासचिव अरविंद परमार ने बताया कि जो लोग भ्रष्टाचार दूर कराना चाहते थे उनके वोट से वह जीते हैं। अधिवक्ताओं के विकास के मुद्दे उठाए जाएंगे। जगह-जगह सड़क किनारे चैंबर्स के सवाल पर उन्होंने कहा कि सरकार ने अधिवक्ताओं को डिग्री दी है तो चैंबर्स की व्यवस्था भी करनी चाहिए। नहीं की तो अधिवक्ता जहां जगह मिलेगी वहां बैठेंगे। सरकार के सामने यह मुद्दा उठाया जाएगा।

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