रामपुर: भाजपा विधायक का आरोप...1978 के संभल दंगों में आजम खां की थी अहम भूमिका 

रामपुर: भाजपा विधायक का आरोप...1978 के संभल दंगों में आजम खां की थी अहम भूमिका 

रामपुर, अमृत विचार। संभल जिले में वर्ष 1978 में हुए सांप्रदायिक दंगों के मामले में राजनीति गर्माने लगी है। दंगों की आंच समाजवादी पार्टी के कद्दावर नेता आजम खां तक आ सकती है। इसको लेकर शहर विधायक आकाश सक्सेना ने कई गंभीर आरोप लगाए हैं। कहा है कि आजम खां ने तत्कालीन मुलायम सिंह यादव के नेतृत्व वाली सपा सरकार में मंत्री रहते हुए संभल दंगे के आरोपियों से मुकदमें वापस लेने के लिए कैबिनेट में प्रस्ताव रखा था। जिसके बाद मुकदमे वापस हो गए थे। दोषियों को सजा नहीं मिल सकी थी। उन्होंने कहा है कि वर्ष 1978 के संभल दंगों में आजम खां की भूमिका अहम थी। जिसकी वजह से ऐसा किया गया।

संभल हिंसा के बाद से ही लगातार राजनीति का सिलसिला जारी है। भाजपाई 1978 के सांप्रदायिक दंगों का मामला पुरजोर तरीके से उठा रहे हैं। समाजवादी पार्टी की तरफ से इसका विरोध करते हुए भाजपा पर राजनीति करने का आरोप लगाया जा रहा है। यहां तक कि खुद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ वर्ष 1978 में हुए सांप्रदायिक दंगों की जांच कराने की बात कह चुके हैं। इस मामले में सीतापुर जेल में बंद समाजवादी पार्टी के कद्दावर नेता व पूर्व कैबिनेट मंत्री आजम खां का नाम भी सामने आया है। शहर विधायक आकाश सक्सेना ने गंभीर आरोप लगाते हुए कहा है कि वर्ष 1993 में मुलायम सिंह यादव की सरकार में मंत्री रहते हुए उन्होंने दबाव बना कर संभल दंगों के आठ मुकदमों को सरकार से वापस करा दिया था। जिस कारण दंगों के आरोपियों को सजा नहीं हो सकी। उन्होंने दावा किया है कि दंगों के पीछे भी आजम खां का हाथ था और आरोपियों को बचाने में भी आजम खान का रोल रहा है। फिर चाहे संभल के दंगे हों या फिर मुजफ्फरनगर के दंगे हों। उन्होंने कहा कि आज भी आजम खां जेल में बैठ कर यहां का माहौल खराब कराने की साजिश रच रहे हैं। उन्होंने मांग करते हुए कहा कि दोबारा से इसकी जांच होनी चाहिए, ताकि जनता के सामने सच आ सके।

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