लखनऊः अधिकारियों पर लोड, उड़ रहे उपभोक्ताओं के फ्यूज

Amrit Vichar Network
Published By Muskan Dixit
On

लखनऊ, अमृत विचार: बिजली विभाग के जेई और एसडीओ को सुबह 9:30 बजे से रात 10 बजे तक कार्यालय में बैठकर उपभोक्ताओं की समस्याओं का निराकरण करने के आदेश हैं। किंतु फील्ड से लेकर बैठकों तक का कार्य इतना अधिक है कि अधिकारी पीक समय में कार्यालयों में नहीं बैठ पा रहे हैं। सुबह 10 से 2 तक नए कनेक्शन लेने से लेकर समस्याएं लेकर आने वालों की भीड़ अधिक रहती है। इस दौरान काम न होने पर परेशान उपभोक्ता अधिकारी के पास जाते हैं। वहां कुर्सी खाली मिलने पर फिर कर्मचारी के पास पहुंचते हैं तो कर्मचारी व्यंग्य करत है, तो उपभोक्ता का वोल्टेज हाई हाे जाता है और कहासुनी होने लगती है। अक्सर बात गाली गलौज और मारपीट तक पहुंच जाती है।

राजधानी में 125 उपकेंद्र हैं। इनमें ज्यादातर में अधिकारियों पर पीक समय में कार्यालय में मौजूद न रहने के आरोप उपभोक्ता लगाते रहते हैं। अधिकारियों के न मिलने के कारण प्रतिदिन बिजली बिल समायोजन, नए कनेक्शन, डिस्कनेक्शन और प्रीपेड मीटर की समस्याओं को लेकर उपकेंद्र पहुंचने वाले उपभोक्ताओं को निराश लौटना पड़ रहा है। कई उपभोक्ता जेई, एसडीओ के कार्यालय पर न मिलने की शिकायतें भी उच्चाधिकारियों से कर चुके हैं, लेकिन सुधार नहीं हो रहा है।

केस-1

मोहनलालगंज के महुली निवासी अयोध्या प्रसाद ने बताया कि जमा बिल भी उनके बिल में जुड़कर आ रहा है। इस समस्या के निराकरण के लिए समेसी उपकेंद्र गए थे। उपकेंद्र पर मौजूद कर्मचारी कुछ बता नहीं पाया और अधिकारी मौजूद नहीं थे। कर्मचारी की सलाह पर अधिशासी कार्यालय पहुंचे। वहां पर बकाए की रकम बिल में जुड़कर आने की बात बताकर फिर उपकेंद्र भेज दिया गया। कार्यालय में बाबू ने शिकायती पत्र जमा कर लिया। दूसरी बार मिले कर्मचारी से पूछताछ की तो वह भड़क गया। इस पर उससे तीखी बहस भी हो गई थी। अभी तक समस्या को समाधान नहीं हुआ है।

केस नंबर-2

नगराम के भाटन टोला निवासी बुजुर्ग रामकरन ने बताया जमा करने के बाद भी बिल में 16 हजार रुपये बकाया जुड़ कर आ रहा है। कई बार मोहनलालगंज उपकेंद्र जा चुके हैं। कभी भी उपकेंद्र पर अधिकारी नहीं मिले। वहां मौजूद कर्मचारी न अधिकारियों के बारे में कोई जानकारी देते हैं और न ही समाधान के लिए तरीका बताते हैं। उल्टे परेशान किया, इस पर कई बार कर्मचारियों से कहासुनी हो चुकी है। अभी तक समस्या का समाधान नहीं हुआ। बकाया बिल पर ब्याज भी बढ़ता जा रहा है।

केस नंबर-3

सरोजनीनगर क्षेत्र के भटगांव निवासी अमित कुमार ने बताया कि बिल और प्रीपेड मीटर कनेक्शन की जानकारी के लिए गहरू उपकेंद्र गए थे। वहां पर जेई और एसडीओ नहीं मिले। कर्मचारी से पूछा तो उसने कुछ बताने से इनकार कर दिया। कई बार पूछने पर छल्ला गया। इस पर उससे कहासुनी भी हो गई। अमित ने आरोप लगाया कि कर्मचारियों का व्यवहार उपभोक्ताओं के प्रति ठीक नहीं रहता है। प्रतिदिन 15 से 20 लोग उपकेंद्र से निराश होकर लाैट रहे हैं।

केस नंबर-4

सरोजनीनगर क्षेत्र के ही पिपरसंड निवासी प्रेमकुमार ने बताया कि बिल में गड़बड़ी है। इसे ठीक कराने के लिए 10 दिन से गहरू पावर हाउस के चक्कर लगा रहे हैं। जब जाते हैं, अधिकारी उपस्थित नहीं मिलते हैं। वहां मौजूद कर्मचारी से अधिकारियों की जानकारी ली, लेकिन वह चुप रहा। कई बार पूछने पर आक्रोशित हो गया। इस पर कर्मचारी से तीखी नोंकझोंक हो गई। बात हाथापाई तक पहुंच गई। वहां मौजूद कुछ लोगों ने बीच बचाव कराया।

इन उपकेंद्रों पर ज्यादा समस्या

बीकेटी, चिनहट, निरालानगर, दुबग्गा, राजाजीपुरम, आशियाना, चौक, ऐशबाग, तेलीबाग, चौपटिया, महानगर, जानकीपुरम, अमीनाबाद, चौक, डालीगंज।

उपकेंद्र पर अधिकारियों को देर शाम तक रुकने के लिए निर्देश हैं। जेई और एसडीओ में किसी एक अधिकारी को उपस्थित रहना चाहिए। कहीं हो सकता है आकस्मिक कार्य के कारण दोनों अधिकारी मौजूद न रहे हों। फिर भी अगर अधिकारी उपकेंद्र पर उपभोक्ताओं के लिए उपलब्ध नहीं हैं तो इसे दिखवाया जाएगा। उपभोक्ताओं से अभद्र व्यवहार करने वालों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।
रजत जनेजा, मुख्य अभियंता सिस गोमती

यह भी पढ़ेः 3700 किलो मिलावटी चिली सॉस जब्त मिलावटखोरों को नहीं सरकार का डर, धड़ल्ले से कर रहे मिलावटी बिक्री

संबंधित समाचार