टेक्नोफ्रेंडली हुई हेल्थ सर्विस, लक्षण दिखते ही एप बता देगा बीमारी की गंभीरता

डॉक्टरों ने इंजीनियरों की मदद से तैयार किया एप

टेक्नोफ्रेंडली हुई हेल्थ सर्विस, लक्षण दिखते ही एप बता देगा बीमारी की गंभीरता

लखनऊ, अमृत विचार: अब आशा-आंगनबाड़ी कार्यकत्री डायरिया व बुखार की गंभीरता का आसानी से आकलन कर सकेंगी। एप के माध्यम से लक्षणों को बोलने पर उसकी गंभीरता का पता चल जाएगा। इस आधार पर मरीज को इलाज व रेफर किया जा सकेगा। यह जानकारी डॉ. राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. विक्रम सिंह ने दी।

शनिवार को लोहिया संस्थान के एकेडमिक ब्लॉक प्रेक्षागृह में हैकाथॉन का आयोजन हुआ। चिकित्सा अधीक्षक डॉ. विक्रम सिंह ने बताया कि डॉक्टरों ने इंजीनियर की मदद से एप तैयार किया है। इसमें डायरिया, बुखार जैसी बीमारियों के लक्षण व उसकी गंभीरता को फीड किया है। आशा कार्यक्रत्री एप खोलकर मरीज के लक्षणों को बोलेंगी। स्क्रीन पर बीमारी की गंभीरता लिखकर आ जाएगी। माइक्रो, स्मॉल एंड मीडियम इंटरप्राइसेज विभाग के प्रमुख सचिव आलोक कुमार ने कहा कि इनोवेशन को बढ़ाने की जरूरत है। अभी इस मद में सरकार काफी बजट जारी कर रही है। लेकिन उसका उपयोग नहीं हो पा रहा है। लिहाजा इनोवेशन करें। उत्पादों को तैयार कर बाजार में उतारें। ताकि उसका फायदा आमजनता को मिल सके। कार्यक्रम में लोहिया के निदेशक डॉ. सीएम सिंह, सीएमएस डॉ. एके सिंह समेत अन्य अधिकारी मौजूद थे।

बायोप्सी लेते समय निडिल से दूसरे अंगों को नहीं होगा नुकसान

डॉ. विक्रम सिंह ने बताया अब बायोप्सी लेते समय निडिल से दूसरे अंगों को नुकसान नहीं होगा। पेट में भरे पानी को निकालने के लिए चुभोई जाने वाली निडिल से भी अंगों को नुकसान नहीं होगा। इसके लिए निडिल की डिजाइन में बदलाव किया जा सकता है। इसका मॉडल लोहिया संस्थान के डॉक्टर, कानपुर आईआईटी व आईईटी के इंजीनियर ने मिलकर तैयार किया है। इसी प्रकार लिवर आदि की बीमारी में मरीज के पेट में पानी भर जाता है। जिसे पेट में निडिल लगाकर निकाला जाता है। कई बार निडिल लगाने से दूसरे अंग क्षतिग्रस्त हो जाते हैं। यह विशेष डिजाइन की निडिल अंगों को नुकसान से बचाएगी।

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