बुनकरों के बच्चों की कैसे होगी पढ़ाई?...कानपुर में बुनकर बोले- बजट में मायूसी ही हाथ लगी
कानपुर, अमृत विचार। बजट को लेकर सुजातगंज में बुनकरों की बैठक हुई जिसमें अफसोस जाहिर करते हुए कहा गया कि बजट में बुनकरों को इस बार भी मायूसी ही हाथ लगी। कहा कि बुनकर समाज भुखमरी के कगार पर है। महंगाई के इस दौर में बुनकरों के बच्चों की शिक्षा कैसे होगी और बुजर्गों का इलाज भी पहुंच से बाहर है।
राष्ट्रीय बुनकर समाज उत्तर प्रदेश की सुजातगंज में बैठक हुई जिसकी अध्यक्षता करते समाज के प्रदेश अध्यक्ष मोहम्मद असलम अंसारी ने कहा कि करोड़ों बुनकर इस व्यवसाय से जुड़े हैं लेकिन बजट में हैंडलूम बुनकरों को कुछ नहीं मिला। बुनकरों को उम्मीद थी कि हैंडलूम के बने हुए कपड़ों पर जीएसटी समाप्त की जाएगी लेकिन बुनकरों को मायूसी हाथ लगी।
आज के समय बुनकरों का जीवन कठिनाई से गुजर रहा है। बजट से जो आस थी वो पूरी नहीं हुई। संचालन प्रदेश उपाध्यक्ष अयूब अंसारी ने किया। आकिल अंसारी, मतलूब अहमद, नाजिम अंसारी, गया प्रसाद आदि ने विचार रखे।
सरकार से ये हैं मांगें
-हैंडलूम कपड़ों पर जीएसटी समाप्त करें।
-हथकरघा कुटीर उद्योग के लिए छोटा ऋण दें।
-बुनकरों के लिए बिजली मुफ्त की जाए।
-बुजुर्ग बुनकरों का मुफ्त इलाज हो।
-बुनकरों के बच्चों की शिक्षा मुफ्त कराई जाए।
-बुनकरों को बिना ब्याज के सरकार ऋण दे।
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