शाहजहांपुर: नकल करने और कराने वालों को होगी जेल, लाखों का लगेगा जुर्माना
शाहजहांपुर, अमृत विचार: यूपी बोर्ड की 24 फरवरी से शुरू होने वाली परीक्षा को नकलविहीन, निर्विघ्न और पारदर्शितापूर्ण संपन्न कराने के लिए सोमवार को जोनल मजिस्ट्रेट, सेक्टर मजिस्ट्रेट, स्टैटिक मजिस्ट्रेट, केंद्र व्यवस्थापकों और वाह्य केंद्र व्यवस्थापकों (अतिरिक्त केंद्र व्यवस्थापक) को प्रशिक्षण दिया गया। इस अवसर पर एसपी राजेश यस ने यूपी सार्वजनिक परीक्षा अधिनियम की जानकारी देते हुए दो टूक कहा कि कोई भी गलतफहमी में न रहे।
इसके प्राक्सी परीक्षार्थी के साथ कक्ष निरीक्षक, केंद्र व्यवस्थापक आदि को भी 5 से 10 तक जेल और 25 से 50 लाख तक जुर्माना हो सकता है। अधिनियम में जमानत का कोई प्रावधान नहीं है। वहीं, डीएम धर्मेंद्र प्रताप सिंह ने कहा कि परीक्षा में नकल कराने, शिक्षकों को धमकाने, धोखाधड़ी आदि में किसी प्रकार के कंफ्यूजन या गलतफहमी की गुंजाइश नहीं है। नकल करने और कराने वालों की सजा पक्की है।
गांधी भवन में चले प्रशिक्षण/बैठक में डीएम ने कहा कि सभी केंद्र व्यवस्थापक स्वच्छता और पेयजल की व्यवस्था दुरुस्त रखें, किसी प्रकार की समस्या होने पर तत्काल अपने उच्चाधिकारियों को अवगत कराया जाए। प्रश्नपत्र के पैकेट खोलने में पूरी सावधानी बरती जाए। जो दिशा निर्देश दिए गए हैं, उनका पालन शत-प्रतिशत सुनिश्चित किया जाए।
एसपी ने कहा कि साल्वर गैंग का मतलब समूह से ही नहीं है, बल्कि एक व्यक्ति भी इसी में माना जाएगा। किसी भी परीक्षार्थी के साथ अभद्र व्यवहार न किया जाए, बल्कि पूरी सिंपैथी रखते हुए बच्चों को पेपर देने के लिए प्रेरित किया जाए। बच्चों को डराने-धमकाने की जरूरत नहीं है। उन्होंने बताया कि सरकार ने नकल रोकने के लिए जो अधिनियम बनाया है, उसमें बहुत सख्त प्रावधान हैं, इसलिए सजा और जुर्माना दोनों से बचते हुए परीक्षा को निर्विघ्न रूप से संपन्न कराने में सहायक बनें।
इससे पहले एडीएम प्रशासन संजय कुमार पांडेय ने केंद्र व्यवस्थापकों, वाह्य केंद्र व्यवस्थापकों, स्टैटिक मजिस्ट्रेट को आपस में तालमेल बनाकर परीक्षा संपन्न कराने की नसीहत दी। इससे पूर्व जीआईसी के वरिष्ठ प्रवक्ता प्रेम शंकर सक्सेना ने सभी को विभाग और शासन की मंशा से अवगत कराते हुए परीक्षा के बाद तैयार किए जाने वाले उत्तर पुस्तिकाओं के बंडल सील करने समेत तमाम महत्वपूर्ण जानकारी दी।
इस मौके पर बीएसए दिव्या गुप्ता, जीआईसी प्रधानाचार्य अनिल कुमार, संजय कुमार मौर्य, धनवीर, सोनिया गुप्ता, रश्मि राठौर, डॉ. अमीर सिंह, जेपी मौर्य, बीएल मौर्या समेत बड़ी संख्या में प्रधानाचार्य और आधिकारीगण मौजूद रहे।
केंद्रों पर रहेगी कड़ी सुरक्षा व्यवस्था
नोडल अधिकारी एसपी सिटी संजय कुमार ने कहा कि नकल करना और कराना, बाहरी तत्वों द्वारा शिक्षकों को डराना-धमकाना, प्रश्नपत्र लीक करना, उत्तर पुस्तिकाओं से छेड़छाड़ करना संज्ञेय अपराध माना गया है। जिले में शांतिव्यवस्था बनाए रखने के लिए धारा 163 लागू है, जिसका उल्लंघन करने पर कड़ी सजा का प्रावधान किया गया है। बोर्ड परीक्षा में लगे शिक्षक लोकसेवकों के अधिकार दिए गए हैं, इसलिए पूरी जिम्मेदारी से परीक्षा कराएं। सभी केंद्रों पर पुलिस की पर्याप्त व्यवस्था की जाएगी। कुछ गड़बड़ होने पर तत्काल सूचित किया जाए।
24 घंटे संचालित हों स्ट्रांग रूम के सीसीटीवी
डीआईओएस हरिवंश कुमार ने कहा कि केंद्र व्यवस्थापक स्ट्रांग रूम में 24 घंटे प्रकाश व्यवस्था दुरुस्त रखने के साथ सीसीटीवी संचालित रखें। प्रश्नपत्र खोलने, उत्तर पुस्तिकाओं और पेपर के रख-रखाव, वितरण आदि में बहुत सावधानी बरतें। किसी प्रकार की गलती की गुंजाइश नहीं होनी चाहिए, अगर कुछ ऐसा हो भी जाता है, तो छिपाने के बजाय तत्काल बताया जाए, जिससे उसका सुधार कराया जा सके।
सभी केंद्रों पर छात्र-छात्राओं का मिश्रित सीटिंग प्लान तैयार किया जाए। एक साथ किसी स्कूल-कालेज के परीक्षार्थी न बैठाए जाएं। शासन के मंशानुरूप दिव्यांग परीक्षार्थियों को अतिरिक्त समय दिया जाए, स्टैटिक मजिस्ट्रेट अपने निर्धारित केंद्र पर परीक्षा समय से एक घंटा पहले पहुंचेंगे। उन्हीं की उपस्थिति में स्ट्रांग रूम खोलकर प्रश्नपत्रों के पैकेट निकाले जाएंगे। प्रश्नपत्रों के पैकेट खोलने में स्टैटिक मजिस्ट्रेट, केंद्र व्यवस्थापक और वाह्य केंद्र व्यवस्थापक बराबर के सहयोगी होंगे, सभी अपनी जिम्मेदारी समझें।
स्टैटिक मजिस्ट्रेट रखेंगे स्ट्रांग रूम की चाबी
प्रश्नपत्र और उत्तर पुस्तिकाओं के लिए केंद्रों पर बनाए गए स्ट्रांग रूम की चाबी स्टैटिक मजिस्ट्रेट अपने पास रखेंगे। वह अपनी उपस्थिति में ही केंद्र व्यवस्थापक और वाह्य केंद्र व्यवस्थाक के हस्ताक्षर के बाद प्रश्नपत्र की अलमारी खोलेंगे। स्ट्रांग रूम और अलमारी खोलने तथा दोबारा सील करने का समय अंकित किया जाएगा। स्ट्रांग रूम की आनलाइन मॉनीटरिंग 24 घंटे जिला और प्रदेश के कंट्रोल रूम से की जाएगी। इसी प्रकार उत्तर पुस्तिकाएं अलग-अलग कक्ष में डबल लॉक में रखी जाएंगी।
स्ट्रांग रूम में मोबाइल वर्जित
बोर्ड परीक्षा में मोबाइल फोन पूर्ण रूप से वर्जित कर दिया गया है। परीक्षार्थी और कक्ष निरीक्षक अपने साथ मोबाइल नहीं रख सकेंगे। केंद्र पर क्लॉक रूम बनाकर सभी के मोबाइल जमा किए जाएंगे। इतना ही नहीं, स्ट्रांग रूम में स्टैटिक मजिस्ट्रेट, केंद्र व्यवस्थापक और अतिरिक्त केंद्र व्यवस्थापक अपना मोबाइल नहीं ले जा सकेंगे।
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