मल्टी मॉडल लॉजिस्टिक पार्कों से रफ्तार भरेगा औद्योगिक विकास, कानपुर-लखनऊ मार्ग बनेगा सबसे बड़ा आर्थिक गलियारा

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Published By Nitesh Mishra
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कानपुर, (मनोज त्रिपाठी)। प्रदेश सरकार द्वारा एक्सप्रेस-वे और हाईवे से जुड़े बड़े शहरों में मल्टी मॉडल लॉजिस्टिक पार्कों का निर्माण किए जाने की नीति के चलते कानपुर-लखनऊ हाईवे, लखनऊ-कानपुर एक्सप्रेस-वे  और कानपुर रिंग रोड के आसपास स्थापित होने वाले इस तरह के पार्कों से जल्दी ही ट्रांसपोर्ट, कार्गो, कंटेनरों का स्थानांतरण, वेयर हाउसिंग, खुला तथा बंद अथवा नियंत्रित तापमान में भंडारण, वितरण, वस्तुओं की छंटनी, ग्रेडिंग, पैकेजिंग, रीपैकेजिंग, टैगिंग, लेबलिंग, कंटेनर फ्रेट स्टेशन व टर्मिनल जैसी सुविधाएं उपलब्ध होने से माना जा रहा है कि कानपुर और उन्नाव के आसपास का क्षेत्र प्रदेश के सबसे बड़े औद्योगिक गलियारा का रुतबा हासिल कर सकता है। 

कानपुर-लखनऊ हाईवे, निर्माणाधीन एक्सप्रेस-वे  तथा कानपुर रिंग रोड के किनारे मल्टी मॉडल लॉजिस्टिक पार्कों के लिए भूमि का चिह्नांकन किया जा चुका है। इस संबंध में तैयार किए गए प्रोजेक्ट के अनुसार पार्कों तक पहुंच के लिए फोरलेन सड़कें बनाकर भीतर सार्वजनिक परिवहन, बिजली, ग्रीन बेल्ट, जल वितरण, सीवेज, जल निकासी, सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट व अग्निशमन के साथ गेस्ट हाऊस, कैंटीन, स्वास्थ्य केंद्र, पेट्रोल पंप, ईवी चार्जिंग स्टेशन, बैंक आदि की भी सुविधाएं जुटाई जानी हैं।

फॉर्च्यून ग्लोबल या इंडिया-500 की सूची वाली कंपनियां ही पात्र

मल्टी मॉडल लॉजिस्टिक पार्क नीति-2024 के तहत आवेदन करने वाली इकाई को प्रति एकड़ 10 करोड़ रुपये का न्यूनतम निवेश करना है। इकाइयों को औद्योगिक विकास प्राधिकरण भूमि की वर्तमान दर में 30 प्रतिशत लागत कम करके भूमि आवंटन करेंगे। एक इकाई 1,000 करोड़ रुपये के न्यूनतम निवेश के साथ 100 करोड़ रुपये तक का विदेशी निवेश कर सकती है।  निवेश के लिए फॉर्च्यून ग्लोबल 500 अथवा फॉर्च्यून इंडिया 500 में सूचीबद्ध कंपनियों के ही आवेदन स्वीकार किए जाएंगे। औद्योगिक विकास प्राधिकरण या राज्य सरकार की किसी संस्था से पट्टे पर ली गई भूमि पर 100 प्रतिशत स्टांप ड्यूटी छूट प्रदान की जाएगी। 

कानपुर-लखनऊ मार्ग बनेगा सबसे बड़ा आर्थिक गलियारा

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की राजधानी लखनऊ के साथ कानपुर का कायाकल्प करने वाली इस महत्वाकांक्षी योजना का उप्र. राज्य औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यूपीसीडा) ने जो मास्टर प्लान बनाया है, उसके मुताबिक योजना का मुख्य उद्देश्य लखनऊ-कानपुर राष्ट्रीय राजमार्ग के 80 किलोमीटर के दायरे में औद्योगीकरण को बढ़ावा देकर इस क्षेत्र को एक प्रमुख आर्थिक गलियारे के रूप में विकसित करना है। इस महत्वपूर्ण परियोजना के लिए स्कूल ऑफ प्लानिंग एंड आर्किटेक्चर नई दिल्ली को परामर्शदाता नियुक्त किया गया है।

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