लखीमपुर खीरी में गोसेवा आयोग की बैठक, बायोगैस यंत्र के बताए गए लाभ 

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Published By Preeti Kohli
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लखीमपुर खीरी, अमृत विचार: गोसेवा आयोग सदस्य ने सोमवार को विकास भवन सभागार में गो संरक्षण समिति के पदाधिकारियों के साथ बैठक कर समीक्षा की। उन्होंने समिति सदस्यों से कहा कि लोगों को गोबर से संचालित बायोगैस यंत्र स्थापना के फायदे बताकर इसे लगाने के लिए प्रेरित करें। इससे सुरक्षा के साथ गायों की बेहतर देखरेख भी होगी।

आयोग सदस्य रमाकांत उपाध्याय ने कहा कि गाय हमारी माता है और हमारी संस्कृति का अभिन्न अंग है। गाय के दूध से लेकर गोमूत्र और गोबर तक लाभकारी है। उन्होंने कहा कि गोशाला में गाय के गोबर से बायोगैस यंत्र लगाए जाएं। इसके लिए ब्लॉक स्तर पर बैठक कर प्रधानों एवं समाजसेवियों को जागरूक कर लाभ बताएं।

बायोगैस यंत्र से निकला गोबर जैविक खेती के लिए लाभदायक है। समीक्षा के दौरान सीडीओ अभिषेक कुमार ने कहा कि गोशालाओं में पर्याप्त व्यवस्थाएं हैं। इनकी नियमित निगरानी के लिए सीसीटीवी कैमरे लगे हैं। इसके अलावा कंट्रोल रूम से भी निगरानी होती है।

मुख्य पशु चिकित्साधिकारी डॉ. दिनेश सचान ने बताया कि जिले में 140 गो आश्रय हैं। सभी को पर्याप्त मात्रा में हरा चारा, भूसा एवं पानी मिलता है। इसके अलावा पांच बड़ी गोशालाएं निर्माणाधीन हैं। सहभागिता योजना के तहत 11178 गोवंश सुपुर्दगी में दिए जा चुके हैं। लाभार्थियों को डीबीटी के माध्यम से पैसा भेजा जा रहा है।

डीडीओ दिनकर विद्यार्थी, सभी बीडीओ, सभी मुख्य एवं उप मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी, ईओ, गोला नगर पालिका अध्यक्ष विजय शुक्ला रिंकू, डीडी कृषि अरविंद मोहन मिश्र, गन्ना विकास समिति अर्निखाना अध्यक्ष अशोक अवस्थी, दुग्ध संघ के डायरेक्टर रमेश चंद्र मिश्र, संगठन मंत्री भूपेंद्र, रविंद्र कटियार, नीरज सिंह, विनीत भदौरिया आदि मौजूद रहे।

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