अमेरिका के इंटरनेट सर्विस प्रोवाइडर से किया सवाल; शक की सुई डील करने वाली कंपनी के कर्मचारी पर 

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Published By Nitesh Mishra
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कानपुर, अमृत विचार। एचएएल से लाखों की ठगी की घटना में साइबर क्राइम की टीम ने अमेरिका की इंटरनेट सर्विस प्रोवाइडर से सवाल किया है। उन्होंने पूछा कि आखिर कैसे कंपनी के नाम से मिलते जुलती वेबसाइट के डोमेन नेम और ईमेल आईडी प्रमाणित कर दी गई। 

डीसीपी साउथ आशीष श्रीवास्तव के अनुसार इंटरनेट सर्विस प्रोवाइडर कंपनी अमेरिका की है। वहीं जिस कंपनी के साथ एचएएल की डील होनी थी वह भी यूएसए की है। ऐसे में शक की सुई डील करने वाली कंपनी के ही किसी कर्मचारी पर जा रही है।

संभावना जताई जा रही है कि उसको एचएएल के साथ विमान के पुर्जों के संबंध में होने वाले ईमेल के बातचीत की जानकारी हो, उसने स्वयं या किसी अन्य के साथ मिलकर कंपनी के नाम से मिलती जुलती वेबसाइट व ईमेल का पंजीयन कराया। उसी के आधार पर एचएएल से बातचीत शुरू कर दी। डिटेल के लिए एचएएल से भी ईमेल का हेडर मांगा गया है। 

आईफोरसी और सीआरटीईन से मांगा सहयोग

साइबर क्राइम की टीम ने ठगी की बड़ी घटना को सुलझाने के लिए इंडियन साइबर क्राइम कोआर्डिनेशन सेंटर (आईफोरसी) और इंडियन कंप्यूटर इमरजेंसी रिस्पांस टीम (सीईआरटीईन) से सहयोग मांगा है। दोनों ही संस्थान साइबर अटैक के मामलों को सुलझाता है। कई तरह के डेटा और जानकारी हासिल करने में मदद करता है। 

आईआईटी के विशेषज्ञों से की बातचीत

एडीसीपी क्राइम अंजलि विश्वकर्मा के अनुसार आईपी एड्रेस से शातिरों की तलाश के लिए आईआईटी कानपुर के विशेषज्ञों से बातचीत की गई है। सोमवार को इंस्पेक्टर पुनीत तोमर और कुछ अन्य स्टॉफ ने विशेषज्ञों से बातचीत की है। फर्जी ईमेल के सहारे उसको भेजने वाली की लोकेशन और उसको कहां बनाया गया है, इसकी जानकारी जुटाई जा रही है।

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