CM Yogi: यूपी में किया भ्रष्टाचार तो सात पुष्ते रखेंगी याद, इनवेस्ट यूपी की कमान अपने हाथ में होने का दावा करता था जैन

Amrit Vichar Network
Published By Muskan Dixit
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लखनऊ, अमृत विचार: इनवेस्ट यूपी की कमान एक प्राइवेट व्यक्ति चलाने का दावा करता फिर रहा था। पुलिस ने जिस निकांत जैन को दबोचा है उसकी शिकायत अगर उद्यमी विश्वजीत दत्त अगर सीधे मुख्यमंत्री तक पहुंचाने की हिमाकत न दिखा पाते तो संभवत: मामला दबा ही रह जाता और वसूली होती रहती।

हालांकि, भ्रष्टाचार और अपराध को लेकर जीरो टॉलरेंस की नीति पर चल मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एक गोपनीय जांच बैठायी और साक्ष्य सामने आते ही सख्त कदम उठाने में देरी न की। न केवल सीनियर आईएएस अभिषेक प्रकाश को ही निलंबित नहीं किया बल्कि वसूलीबाज निकांत जैन को भी पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। सीएम ने कहा कि अगर यूपी में किसी को भी भ्रष्टाचार करते हुए पाया गया, तो उसकी आने वाली पीढ़ियों को सरकारी नौकरी नहीं मिलेगी। ऐसी सजा देंगे की आने वाली सात पुश्तें तक याद रखेंगी।

इससे पहले शिकायतकर्ता विश्वजीत दत्त ने सीधे मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह तक अपनी बात पहुंचायी। साथ ही पुलिस को जानकारी दी थी कि हमारा ग्रुप उत्तर प्रदेश में सोलर सेल तथा सोलर ऊर्जा से संबंधित कल पुर्जे बनाने का संयंत्र की इकाई की स्थापना करना चाहता है। इसके लिए हमने इन्वेस्ट यूपी के कार्यालय तथा ऑनलाइन प्रार्थना पत्र भेजा था। इस संबंध में मूल्यांकन समिति की बैठक हुई थी। इसमें हमारे प्रकरण के विचार से पूर्व मुझे इन्वेस्ट यूपी के वरिष्ठ अधिकारी ने एक प्राइवेट व्यक्ति निकांत जैन का नंबर दिया। कहा कि उससे बात करें, अगर वह कहेगा तो आपका मामला एम्पावर्ड कमेटी व कैबिनेट से तत्काल अनुमोदित हो जाएगा।

शिकायतकर्ता के मुताबिक, उक्त अधिकारी के कहने पर हमने निकांत जैन से बात की। निकांत ने मुझे हिसाब करने को बोला और इस केस के लिए पांच प्रतिशत एडवांस के रूप में मांगे। चूंकि, मेरे मालिक उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री से इस प्रोजेक्ट के लिए मिले थे, इसलिए हमने निकांत को मना कर दिया। बाद में मुझे पता चला कि मेरे मामले में संस्तुति होने के बाद पत्रावली में प्रकरण को टाल दिया गया।

जैन साहब का जलवा?

शिकायतकर्ता उद्यमी के मुताबिक, निकांत ने मुझसे कहा कि आप और आपके मालिक जितनी भी कोशिश कर लें, उन्हें आना तो जैन साहब के पास ही होगा। तभी काम हो पाएगा नहीं तो काम ठंडे बस्ते में जाएगा। उद्यमी का कहना था कि, हमारे मालिक इस प्रोजेक्ट को किसी दूसरे राज्य में भी ले जा सकते हैं, ऐसे में मेरा अनुरोध है कि इन लोगों पर कार्रवाई कर हमारे प्रोजेक्ट को स्वीकृत करने की कृपा करें। इस शिकायत का संज्ञान लेकर ही मुख्यमंत्री ने सख्त कदम उठाया।

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