Kanpur: 10 करोड़ से पनकी, रूमा और चकेरी में कूड़ा निस्तारण; उप्र राज्य औद्योगिक विकास प्राधिकरण प्रबंधन ने बनाई डीपीआर
पांच स्तर पर कूड़े का निस्तारण कराने की तैयारी, जल्द शुरू होगा काम
कानपुर, अमृत विचार। पनकी, रूमा, चकेरी औद्योगिक क्षेत्रों में उप्र राज्य औद्योगिक विकास प्राधिकरण कूड़ा प्रबंधन का काम जल्द ही शुरू कर देगा। डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट बनने के साथ ही टेंडर भी मांग लिए गए हैं। पूरे प्रदेश के तीन दर्जन औद्योगिक क्षेत्र हैं जहां कूड़ा निस्तारण का काम निजी हाथों में दिया जाएगा।
कंपनी न सिर्फ झाड़ू लगवाएगी बल्कि ठोस कचरा और सूखा-गीला कूड़ा आदि को अलग- अलग भी करेगी। इस कचरे को नगर निगम के डंपिंग ग्राउंड भी पहुंचाएगी। पनकी, रूमा, चकेरी औद्योगिक क्षेत्र में यह कार्य 10 करोड़ रुपये से होगा।
प्राधिकरण ने लखनऊ, गाजियाबाद, कानपुर, प्रयागराज, वाराणसी, अलीगढ़, मुरादाबाद, बरेली आदि शहरों के औद्योगिक क्षेत्रों के विकास का कार्य अब खुद करने का निर्णय लिया है। पहले ये कार्य नगर निगम प्रशासन ही कर रहा था। नगर निगम की जिम्मेदारी थी कि वह यहां से मिलने वाले हाउस टैक्स का 60 फीसद हिस्सा विकास कार्य पर खर्च करें।
साथ ही सफाई के साथ ही कचरा भी उठवाएं। इस शर्त का पालन सही तरीके से नहीं हो सका। यही वजह है कि नगर निगमों से औद्योगिक क्षेत्र वापस ले लिए गए। अब वहां विकास कार्य प्राधिकरण खुद ही कराएगा। पहले चरण में स्वच्छता का कार्य शुरू होना है। जो कंपनी कूड़ा उठाएगी वह औद्योगिक इकाइयों से चार्ज भी वसूलेगी। इस व्यवस्था से सही ढंग से कचरा प्रबंधन हो सकेगा। कंपनियां पांच स्तर पर कूड़ा निस्तारण का काम करेंगी।
पहले डोर टू डोर कूड़ा कलेक्शन किया जाएगा। इसके बाद उसे डंपिंग ग्राउंड में लाकर डंप किया जाएगा। वहां कांच, प्लास्टिक की बोतल व अन्य ठोस अपशिष्ट को अलग किया जाएगा। इसके बाद उन्हें नगर निगम के डंपिंग ग्राउंड पहुंचाया जाएगा। झाड़ू नियमित लगे इसकी निगरानी की जिम्मेदारी अभियंत्रण विभाग की होगी।
अन्य विकास कार्य का बन रही डीपीआर
नालों और नालियों की सफाई, बारिश के जल का प्रबंधन करने की जिम्मेदारी भी नगर निगमों की है लेकिन ये कार्य सुचारु रूप से नहीं हो पा रहे हैं। टूटी सड़कों की मरम्मत का कार्य और नई सड़क भी नगर निगम को ही बनाना है पर समय से ये कार्य नहीं होते। यही वजह है कि प्राधिकरण के मुख्य कार्यपालक अधिकारी मयूर माहेश्वरी ने शासन को प्रस्ताव दिया था कि नगर निगम को हस्तांतरित औद्योगिक क्षेत्र प्राधिकरण को वापस कर दिए जाएं।
इस प्रस्ताव को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मंजूरी मिली फिर डीपीआर बनाने का काम शुरू हुआ। औद्योगिक क्षेत्रों का मालिकाना हक प्राधिकरण को मिल गया है। सड़क निर्माण, नाला निर्माण, सीसीटीवी कैमरे लगाने व अन्य कार्यों की डीपीआर भी बन रही है।
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