बदायूं: रिश्वत लेते पकड़े गए बैंक मैनेजर समेत दो को साथ ले गई सीबीआई

Amrit Vichar Network
Published By Virendra Pandey
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बदायूं, सहसवान, अमृत विचार। लोन पास कराने के नाम पर रिश्वत लेने के बाद टीम को आता देखकर बैंक मैनेजर ने रुपये खजाने के रुपये में मिला दिए थे। जिसके चलते शाम पांच बजे से देर रात तक नोटों की अलग छंटाई करने में समय लग गया। टीम ने बैंक मैनेजर समेत दो लोगों को गिरफ्तार किया और अपने साथ ले गई।

जरीफनगर थाना क्षेत्र के गांव काकसी निवासी देवव्रत पुत्र नवाब सिंह काफी समय से दूध का व्यापार करते हैं। उन्होंने अपना व्यापार बढ़ाने के लिए मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना के अंतर्गत डेयरी शुरू करने के लिए लोन के लिए पंजाब नेशनल बैंक में आवेदन किया था। आवेदन चयनित होने के बाद बैंक मैनेजर 38 हजार रुपये की मांग कर रहे थे। उन्होंने रुपये देने से मना कर दिया तो मैनेजर ने आवेदन निरस्त करने की धमकी दी थी। जिसके चलते देवव्रत ने बरेली जाकर एंटी करप्शन टीम से शिकायत की। बैंक के लोन का मामला होने की वजह से लखनऊ कार्यालय संपर्क किया गया। 

सीबीआई की एंटी करप्शन टीम ने बुधवार को जाल बिछाया। देवव्रत ने बैंक मैनेजर को 38 हजार रुपये दिए और अपना अंगोछा जमीन पर गिराकर टीम को इशारा किया। इसी दौरान टीम पहुंची तो बैंक मैनेजर ने रुपये खजाने के रुपये में मिला दिए। जिसके चलते टीम को अपने दिए गए रुपयों की पहचान में खासी मशक्कत करनी पड़ी। देर रात तक पड़ताल के बाद टीम ने रुपये अलग किए। बैंक के बाहर लोगों में तरह-तरह की चर्चा रही। टीम ने बैंक मैनेजर, बरेली के थाना फरीदरपुर क्षेत्र के गांव मेहतरपुर निवासी राजीव गंगवार पुत्र गया प्रसाद और कर्मचारी जरीफनगर क्षेत्र के गांव धर्मपुर टप्पा वैश्य निवासी दफ्तरी पुत्र पप्पू सिंह को देर रात हिरासत में ले लिया और अपने साथ ले गई। लोगों का कहना है कि जब से बैंक मैनेजर ने चार्ज संभाला है तब से शाखा में भ्रष्टाचार बढ़ गया था।

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