कासगंज: गंगा के तटवर्ती इलाकों में फिर मंडराया कटान का खतरा, बोरियों से बनाई जा रही दीवार

Amrit Vichar Network
Published By Preeti Kohli
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कासगंज, अमृत विचार: पटियाली तहसील क्षेत्र के तटवर्ती इलाके के लोग प्रतिवर्ष बाढ़ का खतरा झेलते हैं। इस बार भी सिंचाई विभाग द्वारा बाढ़ के खतरे से बचाने के लिए सुन्नगढ़ी, नगला खंदारी और कादरगंज गंगा घाट पर कटाव को रोकने के लिए बांधों को मजबूत करने का कार्य किया जा रहा है।

हालांकि, सिंचाई विभाग द्वारा किए जा रहे बाढ़-रोधी कार्यों से क्षेत्रीय समाजसेवी असंतुष्ट नजर आ रहे हैं। उन्होंने सिंचाई विभाग के अधिकारियों पर मानकों की अनदेखी का आरोप लगाया है।

समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता अब्दुल हफीज गांधी और सपा के पूर्व नगर अध्यक्ष मोहम्मद शायद ने बाढ़-प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया। उन्होंने कहा कि पटियाली विधानसभा क्षेत्र में हर वर्ष तटवर्ती इलाकों के ग्रामीण बाढ़ का दंश झेलते हैं।

इस बार भी सिंचाई विभाग द्वारा सुन्नगढ़ी, नगला खंदारी और कादरगंज गंगा घाट पर कटाव रोकने के लिए बोरियों में मिट्टी भरकर एक-दूसरे के ऊपर रखकर लेयर बनाई जा रही है।

यह विधि न तो मानकों के अनुरूप है, और न ही दीर्घकालिक सुरक्षा की गारंटी देती है। पानी के तेज बहाव में ये परतें कभी भी खिसक सकती हैं, जिससे परियोजना का उद्देश्य विफल हो सकता है और आने वाले समय में गांवों के लिए गंभीर खतरा उत्पन्न हो सकता है।

हफीज गांधी ने सिंचाई विभाग से अनुरोध किया है कि तीनों स्थानों पर जो भी परियोजनाएं चल रही हैं, उन्हें तत्काल प्रभाव से विभागीय मानकों के अनुरूप, पूर्ण गुणवत्ता के साथ संपन्न कराया जाए, ताकि ग्रामीणों को भविष्य में बाढ़ के खतरे से बचाया जा सके।

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