कासगंज: आधा दर्जन स्कूलों के बच्चे कैसे पढ़ने जाएंगे ? रास्ता बंद होने खिलाफ फूटा गुस्सा

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Published By Monis Khan
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मोहनपुरा, अमृत विचार। निर्माणाधीन राष्ट्रीय राजमार्ग 530 बी पर स्थित मोहनपुरा के राधा स्वामी सत्संग व्यास केंद्र के नजदीक  ग्रामीणों और स्कूली बच्चों ने मंगलवार को गांव की रास्ता बंद हो जाने के विरोध में धरना प्रदर्शन किया। हाईवे निर्माण के कारण कांतौर और अफजलपुर गांव का रास्ता बंद हो जाएगा। करीब एक किलोमीटर परिक्षेत्र में आधा दर्जन से अधिक विद्यालय स्थित हैं। बच्चों को स्कूल पढ़ने जाने के लिए तीन से पांच किलोमीटर का अतिरिक्त रास्ता तय करना पड़ेगा।
 
मंगलवार की सुबह से ही कांतौर, अफजलपुर, रामपुर एवं नजदीकी गांव के ग्रामीणों में आक्रोश पनपने लगा। सभी एकत्रित होकर धरने पर बैठ गए। धीरे धीरे संख्या बल बढ़ता चला गया और विद्यालयों के बच्चे भी प्रदर्शन में शामिल हो गए। ग्रामीणों ने जिलाधिकारी के नाम प्रार्थना पत्र देने की तैयारी कर ली है, यदि इस समस्या का उचित समाधान नहीं मिला तो सभी उग्र आंदोलन को बाध्य होंगे। ग्रामीण दिनेश कुमार व अतेंद्र का कहना है कि इस जगह अंडरपास बनवाया जाना बेहद जरूरी है। वहीं छात्र सुमित का कहना है कि स्कूल पढ़ने जाने के लिए कई किलोमीटर का अतिरिक्त चक्कर लगाना पड़ेगा। जिससे समय हानि और दुर्घटना की संभावना भी बनेगी। इस दौरान टीकम सिंह, बहोरी सिंह, कृष्णपाल सिंह ग्राम प्रधान, एदल सिंह, मोहनलाल सिंह, ओम प्रकाश, जवाहरलाल, रमेश चंद्र, सुखबीर सिंह, जयपाल सिंह, अमर सिंह, अनीश खान, मुनीर अहमद, नरेश कुमार, दाताराम, जयप्रकाश, अर्जुन सिंह, बंटू, बहादुर, नारायण सिंह, रामेश्वर दयाल, देवेंद्र, प्रवीण कुमार सहित बड़ी संख्या में ग्रामीण एवं स्कूली बच्चे मौजूद रहे।

दुर्घटना बाहुल्य बन चुका है यह क्षेत्र
कस्बा मोहनपुरा स्थित राधा स्वामी सत्संग व्यास केंद्र एवं आसपास का क्षेत्र पिछले कुछ समय से दुर्घटना बाहुल्य बन चुका है। करीब एक किलोमीटर परिधि में आधा दर्जन से अधिक विद्यालय संचालित हैं। जहां बड़ी संख्या में आसपास के ग्रामीण क्षेत्र से बच्चे रोजाना पढ़ने जाते हैं । हाल ही में अफजलपुर गांव निवासी सगे भाई बहन की स्कूल जाते वक्त रोडवेज बस से कुचलकर दर्दनाक मृत्यु हुई थी। इससे पूर्व इसी जगह कांतौर गांव निवासी एक किशोरी की मार्ग दुर्घटना में मृत्यु हुई थी एवं हाईवे निर्माण के दौरान बनाई जा रही पुलिया के गड्ढे की ढाय गिरने से कई महिलाओं की मृत्यु हुई थी।

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