IPS तिलोत्तमा वर्मा को मौका मिला तो होंगी UP की पहली महिला डीजीपी, रेस में कई तेज तर्रार आईपीएस अधिकारी

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Published By Deepak Mishra
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डीजीपी बनने की रेस में कई आईपीएस अधिकारियों के साथ तिलोत्तमा वर्मा का नाम भी

लखनऊ, अमृत विचार। उत्तर प्रदेश के डीजीपी प्रशांत कुमार के सेवानिवृत्त (31 मई) होने की तारीख नजदीक आने के साथ, कौन बनेगा यूपी का अगला डीजीपी? इस सवाल पर चर्चा गरमाने लगी है। डीजीपी बनने की रेस में कई आईपीएस अधिकारियों के साथ तिलोत्तमा वर्मा का नाम भी सुर्खियों में है। प्रशिक्षण निदेशालय की जिम्मेदारी संभाल रहीं आईपीएस तिलोत्तमा वर्मा को प्रदेश की पहली महिला डीजीपी बनाए जाने की चर्चाएं शासन के गलियारे में चल रहीं हैं।

डीजी प्रशिक्षण के पद पर तैनात वर्मा के पास अब भी छह महीने से अधिक का कार्यकाल शेष है और उन्हें वरिष्ठता तथा सेवा अनुभव के आधार पर इस पद के लिए उपयुक्त माना जा रहा है। तिलोत्तमा वर्मा को वर्ष 2002 में हाथरस में बैंक लुटेरों से मुठभेड़ में साहस दिखाने के लिए राष्ट्रपति वीरता पदक से नवाजा गया था। यह सम्मान पाने वाली वह प्रदेश पुलिस की पहली महिला आईपीएस अधिकारी बनी थीं।

मूल रूप से हिमाचल प्रदेश के शिमला की निवासी तिलोत्तमा वर्मा 1990 बैच की आईपीएस अधिकारी हैं और लंबे समय तक केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर रहने के बाद हाल ही में प्रदेश में वापस लौटी हैं। हालांकि, गृह विभाग की ओर से अभी तक इस पर कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है। 

इस बीच कई संभावित अधिकारियों के नाम चर्चा में हैं, जिनमें से किसी एक को यह महत्वपूर्ण जिम्मेदारी मिल सकती है। इस दौड़ में सबसे आगे दलजीत सिंह चौधरी का नाम बताया जा रहा है, जबकि अतुल शर्मा और राजीव कृष्ण को भी मजबूत दावेदारों में गिना जा रहा है। 

दलजीत सिंह चौधरी बीएसएफ में डीजी के पद पर तैनात हैं, जबकि आलोक शर्मा एसपीजी के प्रमुख हैं। दोनों अधिकारियों की रियायरमेंट होने में अभी छह महीने से ज्यादा का समय बाकी है। वहीं, राजीव कृष्ण इस समय उप्र. पुलिस भर्ती एवं प्रोन्नति बोर्ड के अध्यक्ष होने के साथ ही विजिलेंस के निदेशक की जिम्मेदारी निभा रहे हैं।

डीजी रैंक के तीन अधिकारी होंगे सेवानिवृत्त

मई माह के अंत में उप्र. के जिन तीन डीजी रैंक के वरिष्ठ आईपीएस अधिकारियों का रिटायरमेंट है उनमें डीजीपी प्रशांत कुमार, डीजी जेल पीवी रामाशास्त्री और डीजी टेलीकॉम संजय एम तरड़े शामिल हैं। इनके बाद आईपीएस अधिकारियों की वरिष्ठता सूची में बदलाव होना स्वाभाविक है।

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