बरेली: कुत्ते ने काटा तो इलाज की जगह कराया झाड़- फूंक, बच्ची की हालत गंभीर

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Published By Preeti Kohli
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बरेली, अमृत विचार: बदायूं के कस्बा दातागंज में एक छह साल की बच्ची को कुत्ते ने काट लिया, मगर परिजन इलाज कराने की जगह झाड़ फूंक कराते रहे। अब हालत बिगड़ने पर बच्ची को परिजनों ने शहर के निजी अस्पताल में भर्ती कराया है। गुरुवार को बच्ची के परिजन तीन सौ बेड अस्पताल के एआरवी केंद्र पर भी पहुंचे थे। इसकी जानकारी आईडीएसपी ने बदायूं भेजी है।

दरसअल, दातागंज निवासी बच्ची को एक माह पहले घर के बाहर खेलते समय आवारा कुत्ते ने काट लिया था। परिजनों ने बच्ची को एंटी रैबीज वैक्सीन नहीं लगवाई। हालत बिगड़ने पर परिजनों ने बच्ची को लाल फाटक स्थित निजी अस्पताल में भर्ती कराया है, जहां उसकी हालत गंभीर है।

गुरुवार को बच्ची के परिजन तीन सौ बेड अस्पताल के एआरवी केंद्र पर पहुंचे और बच्ची के भर्ती होने की जानकारी दी। साथ ही स्टाफ से पूछा किया क्या उन्हें एंटी रैबीज वैक्सीन लगवानी पड़ेगी, क्योंकि वह संक्रमित बच्ची के साथ रह रहे थे।

फरवरी में रैबीज संक्रमण से बदायूं के बच्चे की हुई थी मौत
फरवरी में बदायूं निवासी बच्चे को पड़ोसी की पालतू बिल्ली ने पंजा मार दिया था, परिजनों ने बच्चे को एंटी रैबीज वैक्सीन की एक भी डोज नहीं लगवाई थी। 15 दिन बाद हालत बिगड़ने पर परिजन बच्चे को तीन सौ बेड अस्पताल में लाए थे। बच्चे को हायर सेंटर रेफर किया गया था मगर रास्ते में बच्चे की मौत हो गई थी।

एआरवी केंद्र से आईडीएसपी को मिली सूचना
एआरवी केंद्र पर बच्ची के परिजन के सूचना देने पर केंद्र प्रभारी ने आईडीएसपी को सूचना दी। इसके बाद परिजनों से बात करने की कोशिश की गई, मगर संपर्क नहीं हो सका। इस पर बरेली आईडीएसपी ने बदायूं आईडीएसपी को सूचना दी है।

न बरतें लापरवाही
आईडीएसपी प्रभारी डॉ. मीसम अब्बास के अनुसार रैबीज घातक वायरल संक्रमण है, जो मस्तिष्क और तंत्रिकाओं को प्रभावित करता है। ये संक्रमित जानवरों के काटने और खरोचने से फैलता है। इसलिए कुत्ते, बंदर, बिल्ली, सियार जैसे जानवरों के काटने पर तुरंत एंटी रैबीज वैक्सीन या सिरम लगवाना चाहिए। इसमें किसी तरह की लापरवाही न बरतें।

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