खसरा-रूबेला से बचाव के लिए vaccination में सीतापुर आगे, अभियान चलाकर किया गया टीकाकरण 

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Published By Anjali Singh
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लखनऊ, अमृत विचार। खसरा और रूबेला बच्चों को प्रभावित करने वाली अत्यंत संक्रामक और खतरनाक बीमारियां हैं। इनसे बचाव का एकमात्र प्रभावी उपाय समय पर संपूर्ण टीकाकरण है। यह जानकारी राज्य प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ. अजय गुप्ता ने साझा की। उन्होंने बताया प्रदेश में पांच वर्ष तक की आयु के ऐसे बच्चों का, जो नियमित टीकाकरण से वंचित रह गए थे, उनका 24 अप्रैल से 10 मई तक चलाए गए विश्व टीकाकरण सप्ताह के दौरान टीकाकरण किया गया।

राज्य प्रतिरक्षण अधिकारी के मुताबिक, अभियान के दौरान 75,588 बच्चों को एमआर-1 और 40,608 बच्चों को एमआर-2 की खुराक दी गई। जिलेवार आंकड़ों में सीतापुर सबसे आगे रहा, जहां 3604 बच्चों को एमआर-1 व 2487 बच्चों को एमआर-2 का टीका लगाया गया। इसके बाद दूसरे नंबर पर कानपुर नगर में 3138 को एमआर-1, 1734 को एमआर-2 और खीरी तीसरे नंबर पर रहा, यहां 2905 को एमआर-1 और 1607 बच्चों को एमआर-2 का टीका लगाया गया।

दिसंबर 2026 तक खसरा-रूबेला उन्मूलन का लक्ष्य

डॉ.अजय गुप्ता के अनुसार, भारत सरकार ने दिसंबर 2026 तक देश को खसरा और रूबेला मुक्त बनाने का लक्ष्य रखा है। इसके लिए वर्ष 2017 में संयुक्त एमआर टीके की शुरुआत की गई थी। बच्चे को पहली खुराक 9 माह की आयु में और दूसरी खुराक 16 -24 माह की आयु में दी जाती है।

यदि किसी कारण दो वर्ष से अधिक उम्र का बच्चा, जिसकी एमआर वैक्सीन की कोई भी डोज छूट गई हो, ऐसे बच्चों को पांच वर्ष की आयु तक एमआर वैक्सीन दी जा सकती है।

ऐसे चपेट में लेता है खसरा

खसरा पैरामाइक्सो वायरस के कारण होता है और खांसी, छींक या निकट संपर्क से तेजी से फैलता है। यह रोग न केवल शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को कमजोर करता है, बल्कि निमोनिया, दस्त, इन्सेफेलाइटिस जैसी जटिलताओं का कारण भी बन सकता है।


ये हैं प्रमुख लक्षण

-तेज बुखार

-सूखी खांसी

- गले में खराश

-आंखों में लाली या सूजन

- चेहरे से शुरू होकर पूरे शरीर में फैलने वाले चकत्ते


रूबेला गर्भस्थ शिशु के लिए खतरनाक

रूबेला की चपेट में आने पर गर्भवती महिलाओं के गर्भस्थ शिशु की आंखों, मस्तिष्क, हृदय आदि को नुकसान पहुंच सकता है, जिससे बच्चा बहरापन, मोतियाबिंद, मानसिक मंदता या हृदय रोग जैसी जन्मजात विकृतियों के साथ जन्म ले सकता है।

बढ़ रही जागरूकता

राज्य प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ. अजय गुप्ता के मुताबिक, अभियान के तहत अब टीकाकरण को लेकर लोगों में जागरूकता बढ़ रही है। 2024-25 में अब तक 58.71 लाख बच्चों को एमआर-1 और लगभग 54 लाख को एमआर-2 का टीका लगाया गया। जबकि, 2023-24 में 56 लाख बच्चों को एमआर-1 और 52 लाख को एमआर-2 का टीका लगा था।

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