बाराबंकी : 29 साल में अपराध क्षेत्र में सक्रिय रहा ज्ञानचंद्र

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Published By Vinay Shukla
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हत्या के मामले में सगे भाई का हुआ था एनकाउंटर, जेल में रहकर मांगी फिरौती, बनाया पासी गैंग 

बाराबंकी : गोण्डा जिले में थाना परसपुर के ग्राम राजापुर के रहने वाले ज्ञानचंद्र ने 1996 से अपराध क्षेत्र में कदम रखा तो फिर पीछे मुड़कर नहीं देखा। एक बार जरायम की दुनिया में कदम रखा तो आगे बढ़ता ही चला गया। उसके खिलाफ कुल 70 मुकदमे दर्ज हैं और इसका कार्यक्षेत्र अधिकतर गोण्डा जिले का परसपुर क्षेत्र ही रहा। इसके बाद तरबगंज, कर्नलगंज, कोतवाली देहात, कटरा बाजार, बहराइच, बाराबंकी में हत्या, लूट, डकैती चोरी जैसी घटनाओं को अंजाम देता ही गया।

करीब 13 साल पहले गोण्डा के पूरे लाली गांव में लश्करी यादव की हत्या कर ज्ञान चंद्र चर्चा में आ गया, इस घटना की गूंज विधानसभा तक हुई, तत्कालीन मुख्यमंत्री की नाराजगी के बाद पुलिस ने ज्ञानचंद्र के भाई ननकू को मार गिराया था। लंबे आपराधिेक इतिहास के बावजूद उसकी पैठ तो रही ही साथ ही वह बहुत ही कम पुलिस के हत्थे चढ़ा। हत्या के मामले में जेल भेजे जाने के बाद भी उसकी गतिविधियां जारी रहीं और साल 2020 में ज्ञानचंद्र ने जेल से ही फिरौती मांगी। भले ही अपराध क्षेत्र में ज्ञानचंद्र की जमकर तूती बोली और उसने पासी गैंग भी बना डाला लेकिन गत 24 अप्रैल को गोण्डा जिले में सोनू पासी के साथ हत्या की वारदात में शामिल होना ज्ञानचंद्र के लिए खतरनाक साबित हुआ।

इस घटना में नाम सामने आने के बाद एडीजी गोरखपुर ने तीन अपराधियों सोनू पासी निवासी कादीपुर, थाना कर्नलगंज, ज्ञानचंद्र पासी ग्राम राजापुर थाना परसपुर व रामसागर निवासी थाना उमरी बेगमगंज पर एक एक लाख का ईनाम घोषित कर दिया। इनमें सोनू पासी की तलाश पूरी कर एसटीएफ ने उसे मार गिराया, इसके बाद टीम को बेहद शातिर ज्ञानचंद्र की ही तलाश थी।जिसके रामनगर थाना क्षेत्र में चौकाघाट रेलवे स्टेशन के निकट जंगल में होने की पक्की खबर मिलते ही टीम अलर्ट हो गई।

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