Raja Kolander: आदमी को मारकर खोपड़ी का सूप पीता था यह नरपिशाच, अदालत ने सुनाई उम्रकैद की सजा

Amrit Vichar Network
Published By Virendra Pandey
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लखनऊ, अमृत विचार। आदमी को मारकर उसकी खोपड़ी का सूप पीने वाले नरपिशाच राजा कोलंदर को अदालत ने उम्रकैद की सजा सुनाई है। राजा कोलंदर नाम के इस खूंखार सीरियल किलर का एक नाम निरंजन कोल भी है। कोर्ट ने साल 2000 में हुए एक डबल मर्डर केस में खूंखार सीरियल किलर, नरपिशाच और खोपड़ी संग्रह करने वाले राजा कोलंदर को सजा दी है। साथ ही कोर्ट ने नरभक्षी राजा कोलंदर के साथी बच्छराज को भी उम्रकैद की सजा सुनाई। साथ ही दोनों पर ढाई-ढाई लाख रुपए का जुर्माना भी लगाया है।

लखनऊ एडीजे कोर्ट के जज रोहित सिंह ने राजा कोलंदर और उसके साथी बच्छराज को 22 वर्षीय मनोज कुमार सिंह और उनके ड्राइवर रवि के अपहरण और हत्या का दोषी पाते हुए सजा का ऐलान किया है। बताया जा रहा है कि नरभक्षी राजा कोलंदर और उसके साथी बच्छराज ने साल 2000 में मनोज और रवि की हत्या कर उनकी खोपड़ी को उबालकर उसका सूप बनाया और फिर उसको पी लिया था। इसी मामले में इन दोनों को सजा हुई है। यह पहला मामला नहीं है जब राजा कोलंदर नाम के इस नरपिशाच को उम्रकैद की सजा सुनाई गई है। इससे पहले धीरेंद्र सिंह नाम के शख्स की हत्या के मामले में भी राजा कोलंदर और उसके साथी बच्छराज को साल 2012 में उम्रकैद की सजा मिल चुकी है।

दरअसल, राजा कोलंदर पर 14 से ज्यादा हत्या करने के केस दर्ज हैं। वह कोई इंसान नहीं, सच में एक नरभक्षी है। जो लोगों की हत्या करके उनके जिस्म के टुकड़े-टुकड़े कर देता था। इतना ही नहीं, वह लोगों की हत्या करने के बाद उनकी खोपड़ी से भेजा निकालकर उसे उबालता था और उसका सूप बन जाने पर उसको पीता था। यही वजह है कि उसे नरपिशाच कहा जाता है। बता दें कि राजा कोलंदर प्रयागराज नैनी के शंकरगढ़ स्थित हिनौता गांव का रहने वाला है। वह एक फैक्ट्री में काम करता था, लोगों का कहना है कि कर्मचारी होने के बावजूद वह खुद को राजा समझता था। उसका कहना था कि जो आदमी उसे पसंद नहीं, उसे वह अपनी अदालत में सजा जरूर देता है। इसी अजीब सोच के कारण कोलंदर ने अपनी पत्नी का नाम फूलन देवी और दोनों बेटों के नाम अदालत और जमानत रखा था।

25 साल पुराने हत्याकांड में मिली सजा, जानें पूरा मामला

साल 2000 में लखनऊ के मनोज सिंह और उनके ड्राइवर रवि की अपहरण के बाद हत्या कर दी गई थी। पुलिस को दी गई तहरीर में बताया गया था कि साल 2000 में 24 जनवरी को मनोज कुमार और उनके ड्राइवर रवि लखनऊ से रीवा की यात्रा पर अपनी गाड़ी से निकले थे, उनकी गाड़ी में चारबाग स्टेशन के पास से 6 लोग और गाड़ी में बैठे थे, जिनमें एक महिला भी शामिल थी। इसके बाद उनकी आखिरी लोकेशन रायबरेली के हरचंदपुर में मिली थी, जहां मनोज सिंह और उनके ड्राइवर को एक चाय की दुकान पर देखा गया था, फिर दोनों अचानक लापता हो गए। करीब 3 दिनों तक कोई जानकारी सामने नहीं आने के बाद मनोज के पिता शिव हर्ष सिंह ने नाका थाने में दोनों के लापता होने की जानकारी दी, पुलिस ने मामला दर्ज कर खूब तलाश भी की, लेकिन कोई सुराग नहीं मिला। लेकिन कुछ समय बीतने के बाद प्रयागराज स्थित शंकरगढ़ के घने जंगलों में दो शव मिले, जिनकी शिनाख्त मनोज और रवि के रूप में हुई थी।

खोपड़ी का सूप बनाकर पीता था नरभक्षी

जांच के दौरान पुलिस ने राजा कोलंदर और उसके साथी बच्छराज को गिरफ्तार किया। पुलिस जांच में जो बातें निकलकर सामने आईं, उसने हर किसी को हिला कर रख दिया था। राजा कोलंदर न केवल इन हत्याओं का दोषी था, बल्कि पुलिस को उसके फार्म हाउस से 14 इंसानों की खोपड़ियां भी बरामद हुई थीं, वह मरे हुए इंसानों के सिर को काटता था और उनके सूप बनाकर पीता था। ओटीटी प्लेटफॉर्म नेटफ्लिक्स पर राजा कोलंदर पर आधारित वेब सीरीज भी आई थी। इस सीरीज का नाम था-'इंडियन प्रिडेटर: द डायरी ऑफ अ सीरियल किलर'।

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