कानपुर : 2013 के भूमि अधिग्रहण कानून के अनुसार बंटेगा मुआवजा !
मंधना में औद्योगिक क्षेत्र की स्थापना की राह आसान बनाने की तैयारी, 11 जून को किसानों से मुआवजे पर चर्चा करेंगे यूपीसीडा के एसीईओ व अन्य अफसर
कानपुर : मंधना में औद्योगिक क्षेत्र की स्थापना के लिए अधिग्रहीत की गई भूमि पर कब्जा लेने के लिए उप्र राज्य औद्योगिक विकास प्राधिकरण के अधिकारियों और किसानों के बीच 11 जून को बैठक होगी। इस बैठक के बाद 18 जून को विधान परिषद की प्रतिनिहित विधायन समिति की उप समिति करेगी बैठक प्राधिकरण मुख्यालय पर होगी। इसमें तय किया जाएगा कि किसानों को चार गुना मुआवजा देना है या ट्रांसगंगा सिटी की तर्ज पर उन्हें मुआवजे के लिए राजी करना है।
हालांकि यह माना जा रहा है कि किसानों को 2013 में लागू हुए भूमि अधिग्रहण कानून के तहत ही सर्किल रेट या बाजार रेट में जो अधिक होगा उसके अनुरूप चार गुना मुआवजा दिया जा सकता है। यहीं पर आवास विकास परिषद के अधिकारियों के साथ भी समिति के सदस्य बैठक करेंगे। परिषद मंधना में आवासीय योजना 4 लांच करना चाहता है लेकिन किसान मुआवजा बढ़ाने की मांग को लेकर अड़े हुए हैं। परिषद के अधिकारियों और किसानों के बीच निरंतर बैठक हो रही है। इसका निष्कर्ष क्या निकला अधिकारी समिति को बताएंगे।
पेम,पचोर समेत आठ गांवों की भूमि औद्योगिक क्षेत्र की स्थापना के लिए प्राधिकरण की तरफ से 2007 से 2009 के बीच में करीब सवा आठ सौ एकड़ भूमि अधिग्रहीत की गई थी। 2011 तक 75 एकड़ भूमि छोड़ शेष का मुआवजा भी बांट दिया गया था। किसानों ने पहले तो कब्जा दे दिया लेकिन विकास कार्य शुरू होते ही वे आंदोलन पर उतारू हो गए और परिणाम यह हुआ कि भूमि प्राधिकरण के हाथ से निकल गई क्योंकि किसानों ने कब्जा कर लिया और खेती करने लगे।
अब पुन: इस भूमि पर कब्जा लेकर विकास कार्य कराने की योजना है। इसीलिए किसानों से बात की जा रही है कि वे अपना प्रतिनिधि चुन लें। उन्हें अपनी मांग बता दें ताकि प्राधिकरण प्रबंधन उनके साथ बैठकर समस्या का समाधान निकाल सके। प्राधिकरण के एक अधिकारी के मुताबिक पूर्व में अधिग्रहण के लिए लागू की गई अधिसूचना को रद करके नए सिरे से 2013 के भूमि अधिग्रहण कानून के तहत ही मुआवजे का वितरण किया जा सकता है। ताकि किसान भी संतुष्ट हो जाएं और आसानी से वहां भूमि का अधिग्रहण कर औद्योगिक क्षेत्र की स्थापना की जा सके। समिति के सदस्य अरुण पाठक का कहना है कि किसानों की मांग पर विचार किया जाएगा। समस्या का समाधान जरूर निकलेगा। 18 जून को होने वाली बैठक में किसानों की मांगों पर विचार होगा।
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