अमृत विचार आपके द्वार: इस गुलिस्तां में फूल नहीं, दिखता है कूड़े से उठता हुआ धुआं, ये है चिनहट प्रथम वार्ड संख्या 50

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Published By Muskan Dixit
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हर जगह सिर्फ कूड़ा, गंदगी और नालियों से बहता पानी बना

लखनऊ, अमृत विचार: नाम न्यू गुलिस्तां कालोनी। पर इस गुलिस्तां (बाग) में फूल नहीं जगह-जगह कूड़े के ढेर मिलेंगे। जलता कूड़ा नजर आएगा। इससे उठती भीषण दुर्गंध कि लोगों का सांस लेना तक दूभर है। हर ओर कूड़ा ही कूड़ा। कूड़ा सड़क पर है। कूडे़ से ही पटा हत्थू ठेला मिलेगा। नालियों में कूड़ा और सिल्ट भी सामने ही दिखेगी। गंदगी और नालियों से बहता बदबूदार पानी राजधानी के इस वार्ड न्यू गुलिस्तां कालोनी की मानो पहचान बन चुका है। 

चिनहट प्रथम वार्ड संख्या 50 स्थित इसमें रहने वाले लोगों को मूलभूत सुविधाएं तक नहीं मिल पा रही हैं। कॉलोनी की गलियों में जलभराव है। यहां की ज्यादातर सड़कें जर्जर हैं। सफाई व्यवस्था दुरुस्त न होने के कारण मच्छरों की भरमार यहां देखने को मिलेगी। नालियों और गंदगी के बगल से गुजरने पर मच्छरों की फौज हमला करने को आतुर दिखाई पडे़गी। खाली पड़े प्लॉटों और सड़कों पर पड़ा कूड़ा न उठने की वजह से उसमें से दुर्गंध उठती मिलेगी। 

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लोगों को नाक पर कपड़ा रखकर निकलना समेत सभी वह चीजें देखने को मिलेंगी जो बीमारियों का जनक होती हैं। लोगों का कहना है निकाय चुनाव के दौरान प्रतिदिन सफाई कर्मचारी आकर कूड़ा उठाकर ले जाते थे। अब उनके दर्शन दुर्लभ हो चुके हैं। वार्ड का प्रतिनिधित्व तक करने वाले जिम्मेदार तक ढूंढे नहीं मिलेंगे। पेश है अमृत विचार आपके द्वार टीम की पड़ताल।

कूड़ा जलाया जाना यहां आम बात

जब लोग ज्यादा नाराज हुए तो कर्मचारी कूड़ा उठाने के बजाए उसे जलाने में ज्यादा दिलचस्पी दिखाते हैं। जबकि कूड़ा जलाना अपराध की श्रेणी में आता है। फिर भी जिम्मेदार आंख मूंदकर गंदी पालीथिनयुक्त कूडे़ के ढेर दन्न से फूंक देते हैं। लोगों का सांस लेने में दिक्कत हो उनकी बला से। लोगों का कहना है कि सफाई कर्मचारी आते नहीं। यही वजह है कूड़ा पूरे इलाके में देखने को मिलता है। भीषण गर्मी पड़ रही है ऐसे में एक-दो दिन में इससे उठने वाली तेज दुर्गंध लोगों की हालत खराब कर देती है। अगर किसी तरह पकड़ कर कर्मचारियों को लाया भी गया तो कूड़ा उठाने के बजाए उसे जलाना बेहतर समझते हैं।

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विद्यालय के गेट तक को नहीं छोड़ा, यहां भी कूड़ा

पूर्व माध्यमिक विद्यालय चिनहट के गेट पर ही कूड़े के ढेर लगे हुए हैं। फिलहाल तो विद्यालय बंद चल रहे हैं लेकिन स्थानीय लोगों ने बताया कि विद्यालय खुला रहता है तब भी यही स्थिति होती है। विद्यालय के शिक्षक की शिकायत पर सफाई कर्मी तो आते हैं लेकिन केवल खानापूरी कर वापस लौट जाते हैं।

नाले-नालियां सब चोक, बारिश में क्या हाल होगा

एक ओर सफाई के अभाव में यहां के नाले-नालियां चोक हैं। मानसून आने वाला है। लेकिन यहां मध्यम नालों की सफाई अभी तक नहीं कराई जा सकी है। ऐसे में अगर थोड़ी सी भी बरसात होगी तो जलभराव की स्थिति उत्पन्न हो जाएगी। लोगों ने बताया कि पिछले वर्ष भी नाले की सफाई में खानापूरी की गई थी, इस बार तो स्थिति बहुत खराब है अगर समय रहते नालों की सफाई नहीं हुई तो बरसात में घर से निकलना भी मुश्किल हो जाएगा।

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पूरे साल सीवर रहता है चोक, पानी सड़कों और गलियों में

चिनहट प्रथम वार्ड के अंतर्गत आने वाले बौद्ध विहार में सीवर अभी से ही चोक हो गए है। नतीजन सीवर का पानी चैंबर से ओवर फ्लो कर सड़कों पर बह रहा है। जिससे लोगों का निकलना भी दुश्वार हो गया है। संकरी गलियों में जैसे-तैसे सीवर की पाइप लाइन तो लगा दी गई। लेकिन सही लेवल और मानक न होने का खामियाजा यहां के लोगों को भरना पड़ रहा है। यहां के लोगों ने बताया की सीवर चोक होने की समस्या पूरे साल भर बनी रहती है। शिकायत पर सफाई के नाम पर खानापूर्ति कर इतिश्री कर ली जाती है। दो चार दिन तो समस्या से राहत मिल जाती है फिर उसके बाद स्थित जस की तस हो जाती है।

बिजली के तार का मकड़जाल

न्यू गुलिस्ता कॉलोनी में बिजली के पोल पर तार का मकड़जाल है। विभागीय स्तर पर भले ही पोल पर डीबी बॉक्स लगा कर कनेक्शन देने का दावा किया जा रहा है। लेकिन आज भी पोल पर तार के गुच्छे मिलेंगे। यह न केवल स्थानीय निवासियों के साथ राहगीरों के जान को भी जोखिम में डाल सकते हैं। वहीं जर्जर खंभे व तार की स्थिति यह है कि आंधी और बारिश में भी यहां बिजली गुल एक आम बात रहती है।

बालिका इंटर कॉलेज के पास छुट्टा पशुओं का जमावड़ा

यहां स्थित राष्ट्रपिता महात्मा गांधी राजकीय बालिका इंटर कॉलेज के पास छुट्टा पशुओं का जमावड़ा लगा रहता है। लोगों ने बताया कि यह स्थिति 12 महीनों की है। इन पशुओं के हमले में कई लोग घायल हो चुके हैं। कॉलेज में पढ़ने वाली कई छात्राएं भी इनके हमले में चोटिल हो चुकी हैं। स्थानीय लोगों ने बताया कि फिलहाल तो कॉलेज बंद हैं वरना इन पशुओं का डर छात्राओं में साफ देखा जा सकता है।

अमृत विचार आपके द्वार टीम- दीपक सिंह, अमित पांडेय व छायाकार राजकुमार वाजपेयी

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