महोबा : 32 साल का कब्जा, दो घंटे विरोध के बाद जमींदोज

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Published By Vinay Shukla
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मकान गिराने गए प्रशासनिक अमले को मानव शृंखला बनाकर महिलाओं ने रोका

महिलाओं ने लगाया आरोप कहा, एसडीएम बोले इन पर बुलडोजर चढ़ा दो  

 महोबा अमृत विचार। कस्बा खरेला में मुख्य मार्ग पर बने 32 साल पुराने मकान पर बुलडोजर चलाने पहुंचे प्रशासनिक अमले को करीब दो घंटे भारी विरोध का सामना करना पड़ा। आरोप है कि मकान के आगे मानव शृंखला बनाकर परिवार की महिलाओं और नाबालिगों के खड़े हो जाने पर एसडीएम ने बुलडोजर चढ़ाने का आदेश दे दिया। इसके बाद मौजूद पुलिस फोर्स ने महिलाओं को हटाकर मकान को बुलडोजर से जमींदोज कर दिया। मकान गिर जाने से अब परिवार के लोगों के सामने बारिश में आशियाने की समस्या खड़ी हो गई है। 

कस्बा खरेला निवासी रामेश्वर सिंह (60) अपने परिवार के साथ तीन दशक से अधिक समय से मकान में रह रहा था। और धुलाई सेंटर भी चला रहा था, जिसके लिए उसने बिजली विभाग से कनेशन भी ले रखा था। शुक्रवार को अचानक भारी पुलिस फोर्स के साथ बुलडोजर लेकर पहुंची प्रशासनिक टीम 32 साल पुराने मकान को अवैध बताकर बुलडोजर चलाने लगी, तभी परिवार की महिलाओं का प्रशासन को भारी विरोध झेलना पड़ा। मकान को बचाने के लिए महिलाएं मकान के आगे मानव शृंखला बनाकर खड़ी हो गईं। और मकान के तरफ बढ़ रहे बुलडोजर को रोक दिया। करीब दो घंटे के भारी विरोध के बाद प्रशासनिक टीम ने मकान पर बुलडोजर चलाकर धराशाई कर दिया। 

पीड़ित के परिजनों ने आरोप लगाया कि उपजिलाधिकारी चरखारी डॉ. प्रदीप कुमार ने महिलाओं को धमकाते हुए कहा कि इन पर बुल्डोजर चढ़ा दो, जिसका वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है (अमृत विचार वीडियो की पुष्टी नहीं करता )। उसी समय एक युवक द्वारा वीडियो बनाने पर एसडीएम और पुलिस कर्मियों ने उसकी पिटाई कर दी। बाद में पुलिस युवक को थाने ले गई। परिजनों का आरोप है कि प्रशासन ने कोई नोटिस नहीं दिया और मकान को अवैध बताते हुए बुलडोजर चला दिया। जिससे पीड़ित परिवार अब बारिश के मौसम में सिर छिपाने के लिए इधर उधर भटक रहा है। प्रशासनिक टीम ने तहसीलदार चरखारी, कानूनगों लेखपाल और नगर पंचायत खरेला की टीम के अलावा महिला थाना प्रभारी सुषमा चौधरी पुलिस फोर्स के साथ मौके पर पहुंचीं थीं।  

व्यवधान डालने की कोशिश की
मामले में उपजिलाधिकारी चरखारी डॉ. प्रदीप कुमार ने कहा कि जो वीडियो वायरल हो रहा है, वह प्रायोजित था कि शासकीय कार्य में कैसे व्यवधान पैदा किया जाए। जब उन्हें सूचित था, तो महिलाओं और बच्चियों को लाने की क्या जरूरत थी। मकान नगर पंचायत की जमीन पर बना हुआ था। इनको पूर्व में कई बार नोटिस दिया गया है। और महिलाओं को आगे करके सरकारी कार्य में व्यवधान पैदा कर रहे थे।

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