बिजनौर: टंडेरा कांड...डीएम ने बनाई जांच समिति, गांव में मातम, सवाल और गुस्सा
कर्ज ने निगल लिया परिवार, पिता लड़ रहा जिंदगी के लिए जंग
बिजनौर, अमृत विचार। नूरपुर क्षेत्र के ग्राम टंडेरा में गुरुवार को सामने आई परिवार के जहर खाने की घटना ने खलबली मचा दी। मां और दोनों बेटियों की मौत हो गई जबकि पिता की हालत नाजुक बनी हुई है। डीएम ने तीन सदस्यीय जांच कमेटी गठित की है।
ग्राम टंडेरा निवासी पुखराज सिंह प्रजापति (52) कर्ज के बोझ से दबे थे। बताया गया कि करीब छह लाख का कर्ज है। ब्याज के साथ कर्ज बढ़ता रहा, लेकिन आमदनी नहीं बढ़ी। मानसिक दबाव इतना बढ़ गया कि गुरुवार सुबह उन्होंने पत्नी रामेशियाऔर दो बेटियाें सीतो (19) व अनिता (17) के साथ जहर खा लिया। पुलिस ने सभी को सीएचसी नूरपुर पहुंचाया।
ग्रामीणों के अनुसार एम्बुलेंस पहुंचने में लगभग आधा घंटा देरी हुई, जिससे चारों की हालत और गंभीर हो गई। जिला अस्पताल में रामेशिया और छोटी बेटी अनिता को मृत घोषित कर दिया गया। पुखराज और बड़ी बेटी सीतो की गंभीर हालत को देखते हुए उन्हें मेडिकल कॉलेज मेरठ भेजा गया।
देर शाम सीतो ने भी दम तोड़ दिया। पिता पुखराज की हालत गंभीर है। एसपी अभिषेक झा ने बताया कि आर्थिक तनाव ही आत्मघाती कदम की मुख्य वजह मानी जा रही है। पुलिस कर्जदाताओं की भूमिका और दबाव की भी जांच कर रही हैं। किसी की भूमिका आपराधिक पाई जाती है, तो सख्त कार्रवाई की जाएगी। जिलाधिकारी जसजीत कौर ने तुरंत एक तीन सदस्यीय जांच समिति गठित की है। समिति में उप जिलाधिकारी, क्षेत्राधिकारी, एक वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारी को शामिल किया गया है। यह समिति घटना के सामाजिक, आर्थिक, स्वास्थ्य और प्रशासनिक पक्षों की गहराई से जांच करेगी और सात दिनों में रिपोर्ट जिलाधिकारी को सौंपेगी।
कौन जिम्मेदार है इस बर्बादी का
गांव टंडेरा में इस घटना के बाद मातम पसरा हुआ है। ग्रामीणों के अनुसार पुखराज का परिवार एक सामान्य मेहनतकश परिवार था। कर्ज का बोझ उनकी कमर तोड़ चुका था। कुछ ग्रामीणों ने बताया कि स्थानीय साहूकारों ने भारी ब्याज पर पैसे दिए थे और कर्ज वसूली के लिए परिवार पर लगातार दबाव बना रहे थे। ऐसे कर्जदाताओं की पहचान कर उन पर शिकंजा कसने की मांग की। बहरहाल सवाल खड़ा हो गया कि ग्राम स्तर पर ऋण नियंत्रण, पारिवारिक काउंसलिंग और सामाजिक सहायता प्रणाली क्यों प्रभावी नहीं है।
