किन्नर बनकर आए कथावाचक ने रुपए और गहने ठगे, जमीन और प्लाट का भी कराया बैनामा

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Published By Virendra Pandey
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पसगवां, लखीमपुर, अमृत विचार। एक पुरुष दाढ़ी मूंछ क्लीन शेव कराकर साड़ी पहनकर किन्नर वेश में कथावाचक बनकर आया और करन सिंह कुशवाहा नाम बताकर केवल कुशवाहा (काछी) समाज के लोगों से संपर्क साधा। उसने दो गांवों में भागवत कथाएं कहीं। लगभग तीन माह के समय में उसने पसगवां के दो और मोहम्मदी के एक गांव में दर्जन भर लोगों से माया का लालच देकर लाखों रुपए ठग लिए, गहने लिए, जमीन भी लिखाई और रफूचक्कर हो गया। बंद कमरे में बक्से में सोने की ईंटें भरने का दावा करते हुए कहा कि 15 दिन बाद बक्सा खोलना, लेकिन जब बक्सा खोला तो उसमें भट्ठे की ईंटें निकलीं। 

बताया जा रहा है कि लोगों ने ब्याज पर पैसा लेकर दिया था, इतना ही नहीं बहुत से लोगों ने तो गहने बेंच कर रुपये दिये थे, धन जाने से भुक्तभोगी बेहद परेशान हैं। महिलाओं का रो-रोकर बुरा हाल है। थाना क्षेत्र के ग्राम पिपरोला कुंवरपुर और कमतरा के भुक्तभोगियों ने बताया कि होली त्योहार के करीब एक किन्नर के रूप में एक व्यक्ति ने आकर अपना परिचय करन सिंह कुशवाहा के रूप में दिया और कहा कि वह कथावाचक है। उसने पहली कथा ग्राम कमतरा में कही और उस दौरान पिपरोला कुंवरपुर गांव के लोगों से सम्पर्क में आया। श्रीमद्भागवत की दो कथाएं पिपरोला कुंवरपुर में हुई। इस दौरान किन्नर वेश धारी ठग ने यजमानों और श्रद्धालुओं से कहा कि उनके घर में करोड़ों रुपये का सोना है, सोने के घड़े गड़े हैं। माया ऐसे नहीं मिलती, उसके लिए पूजा करनी पड़ेगी। 

उसने कहा कि जितना धन दोगे उसका कई गुना सोना और सोने की ईंटें मिलेगीं, लेकिन इसे किसी को बताना मत। ठग की ठगी की चपेट में पिपरोला कुंअरपुर निवासी पतिराखन पुत्र इंदल से छह लाख रुपए नगद, सोने का एक कंगन, तीन अंगूठी, एक जोडी कुंडल, एक नकबेसर, मुंशी पुत्र प्रसादी से दो लाख रुपए नकद, सोने का एक हार, एक सोने का कड़ा, राम लखन पुत्र बलवंत से दो लाख बीस हजार रुपए, सोने की एक चैन ले ली और एक बीघा जमीन और एक प्लाट का बैनामा करा लिया। पड़ोसी गांव कमतरा की देवकी से एक लाख रुपए नकद व एक हार ले लिया और नौ बीघा खेत का बैनामा करा लिया। इसी गांव के अजय पाल और संत कुमार पुत्रगण श्रीराम भी ठगी का शिकार हुए। 

मोहम्मदी थाना क्षेत्र के ग्राम रायपुर कलां निवासी राजकमल पुत्र मनीराम से छह लाख रुपए नकद, सोने का एक हार और आठ चूड़ी सोने की ले गया। इसी गांव के प्रेमकांत पिता रामपाल भी ठगी का शिकार हुए। संदूक में ठग ने ईंट भरकर बंद कर दिया। निर्धारित समय के बाद संदूक खोलनें को कहा तो उसमें सोने की ईंटों की जगह भट्ठे की ईंटें निकलीं। इसके बाद ठग के बताए पते पर मिलने जब लोग शाहजहांपुर के जलालाबाद गये तो वह वहां नहीं मिला और उसका नाम पता भी फर्जी निकला। किन्नर बने आदमी के दो बच्चे भी बताए गए हैं ‌। जो जमीन बैनामा कराई गई उसमें लगे आधार कार्ड पर नाम करन सिंह कुशवाहा है और पता पुवायां शाहजहांपुर का है। फिलहाल जब-तक लोगों को ठगी का एहसास हुआ तब तक ठग दूर जा चुका था । ठगी के शिकार ग्रामीणों ने बताया कि उन्होंने नकद रुपया ब्याज पर लिया है। उन्होंने बताया कि पिपरोला के कोटेदार महादेव के यहां उसका ज्यादा आना जाना और रहना होता था। उसने अपना जन्मदिन भी उन्हीं के घर पर मनाया था और उसमें उपहार भी भेंट किए गए थे। पसगवां कोतवाली पहुंच कर थाना प्रभारी रविन्द्र सोनकर को अपनी व्यथा सुनाई। थाना प्रभारी ने जांच कर आवश्यक कार्रवाई का आश्वासन दिया। ठगी के शिकार लोगों के परिवार की महिलाओं का बुरा हाल है। 

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