मुरादाबाद: परिषदीय विद्यालयों में लगेंगी स्मार्ट कक्षाएं

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मुरादाबाद, अमृत विचार। परिषदीय विद्यालय अब निजी स्कूलों की तरह दिखेंगे। स्कूलों में स्मार्ट कक्षाओं से लेकर पानी के टैप और आरओ की मशीन लगाई जाएंगी। इससे परिषदीय स्कूलों को लेकर अभिभावकों की धारणा बदलेगी और स्कूलों में बच्चों की संख्या बढ़ेगी। परिषदीय विद्यालयों को स्मार्ट बनाने के लिए 70 करोड़ 40 लाख रुपये का …

मुरादाबाद, अमृत विचार। परिषदीय विद्यालय अब निजी स्कूलों की तरह दिखेंगे। स्कूलों में स्मार्ट कक्षाओं से लेकर पानी के टैप और आरओ की मशीन लगाई जाएंगी। इससे परिषदीय स्कूलों को लेकर अभिभावकों की धारणा बदलेगी और स्कूलों में बच्चों की संख्या बढ़ेगी। परिषदीय विद्यालयों को स्मार्ट बनाने के लिए 70 करोड़ 40 लाख रुपये का खर्च होगा।

जिले में 1408 परिषदीय विद्यालय हैं। इनमें 876 प्राथमिक, 232 उच्च प्राथमिक और 300 कंपोजिट विद्यालय हैं। जिनका कायाकल्प किया जाना है। इन विद्यालयों में पढ़ने वाले छात्र-छात्रओं की संख्या 1,66,862 है। परिषदीय विद्यालयों में सीमित संसाधन होने की वजह से बच्चों की प्रभावित होती आ रही है। यही कारण है कि ये छात्र-छात्रा काबिल होने के बावजूद भी अपने हुनर आदि को दर्शाने में पीछे छूट जाते हैं।


कायाकल्प के बाद जहां स्कूलों की सूरत बदलेगी तो वहीं सरकारी स्कूल की शिक्षा की गुणवत्ता में भी सुधार आएगा, जिसके बाद नौनिहाल निजी स्कूलों के बच्चों की तरह अपने पंख फैला हर क्षेत्र में अपनी प्रतिभा दिखाने में सक्षम हो सकेंगे। यह कार्य मार्च माह तक पूरा किया जाना है। एक विद्यालय में पांच लाख रुपए का खर्च होगा।

लोग भी स्कूलों को गोद ले सकेंगे
लोग स्कूलों को गोद ले सकेंगे और स्कूलों के बेहतरी का चिंता कर उसका विकास करा पाएंगे। खुद के पैसे लगाकर लोग स्कूल का विकास कराएंगे। इसके तहत स्कूल के कायाकल्प का रास्ता अपनाया जाएगा। जिसमें स्कूल परिसर, कक्षाएं विकसित की जाएंगी। पहले लोग चाहकर भी सरकारी स्कूलों का सौन्दर्यीकरण नहीं करा पाते थे, मगर अब रास्ता खुल गया है।

परिषदीय स्कूलों के विकास के लिए शासन की ओर से दिशा-निर्देश आए हैं, जिसके तहत अब पब्लिक भी अपने आसपास के स्कूलों में पैसा दानकर सकेगी। यह पैसा स्कूल के संसाधनों के विकास के काम आएगा। -हर्षवर्धन कपिल, जिला समन्वयक निर्माण

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