यूपी में 62 नए TTL वर्कशॉप स्थापित करने की तैयारी, युवाओं के लिए बढ़ेंगे रोजगार के अवसर
लखनऊ, अमृत विचार। प्रदेश में 62 नए टीटीएल वर्कशॉप स्थापित करने की तैयारी शुरू हो गई। राज्य सरकार नये टीटीएल वर्कशॉप के लिए एमओयू की तैयारी में है। नये टीटीएल वर्कशॉप संचालित होने से युवाओं के लिए रोजगार के अवसर बढ़ेंगे। शासन के अधिकारियों के अनुसार राज्य सरकार और टाटा टेक्नोलॉजीज लिमिटेड के बीच जल्द एक और एमओयू की तैयारी चल रही है।
इसके तहत प्रदेश के नए औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों (आईटीआई) में टाटा टेक्नोलॉजीज लिमिटेड (टीटीएल) वर्कशॉप स्थापित की जाएंगी। टाटा टेक्नोलॉजीज के सहयोग से प्रशिक्षित युवा न केवल आत्मनिर्भर बनेंगे, बल्कि प्रदेश और देश की आर्थिक प्रगति में भी महत्वपूर्ण योगदान देंगे।
व्यवसायिक शिक्षा, कौशल विकास और उद्यमशीलता राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) कपिल देव अग्रवाल ने बताया कि पहले चरण में प्रदेश के 149 आईटीआई में टीटीएल वर्कशॉप स्थापित हो चुकी हैं, जहां प्रशिक्षण कार्य जोरों पर है। इसके अतिरिक्त 5 उत्कृष्ट सेंटर भी स्थापित किए जा रहे हैं। द्वितीय चरण में 62 नये वर्कशॉप के लिए निर्माण के लिए एमओयू को तैयार किया जा रहा है। यह पहल न केवल प्रशिक्षण की गुणवत्ता में सुधार लाएगी, बल्कि प्रशिक्षित युवाओं को विभिन्न सरकारी संस्थानों के साथ ही टाटा मोटर्स, मारुति सुजुकी, हुंडई, रिलायंस, आदित्य बिरला, महिंद्रा, विप्रो, इनफोसिस जैसी प्रतिष्ठित कंपनियों में रोजगार के अवसर बढ़ेंगे।
स्थानीय स्तर पर अधिक रोजगार होंगे उपलब्ध
शासन के अधिकारियों ने बताया कि प्रदेश सरकार का विशेष जोर प्रशिक्षित युवाओं को स्थानीय स्तर पर अधिक से अधिक रोजगार उपलब्ध कराने पर है। इसके लिए सरकारी क्षेत्रों जैसे रेलवे, सेना, नौसेना, वायुसेना, पीडब्लूडी, सिंचाई विभाग के साथ-साथ अर्द्ध-सरकारी और निजी क्षेत्र की कंपनियों जैसे बीएचईएल, यूपीपीसीएल, रक्षा फैक्टरी, एचएएल, सेल, गेल, ओएनजीसी, एनटीपीसी, एलएंडटी, आईटीसी, जिंदल आदि में रोजगार के पर्याप्त अवसर उपलब्ध हैं।
प्रदेश में महिलाओं के लिए 12 विशिष्ट राजकीय आईटीआई और 47 महिला शाखाएं संचालित हैं। इसके अलावा, अल्पसंख्यक बाहुल्य क्षेत्रों में 43 राजकीय आईटीआई कार्यरत हैं। अनुसूचित जाति और जनजाति के अभ्यर्थियों के लिए विशेष कम्पोनेन्ट सब प्लान के तहत 84 संस्थान संचालित किए जा रहे हैं, जहां 70 प्रतिशत सीटें एससी/एसटी और 15 प्रतिशत सीटें ओबीसी प्रशिक्षणार्थियों के लिए आरक्षित हैं।
