पीलीभीत: बंदरों का आतंक...मकरंदापुर चौराहे से संभलकर गुजरें
दियोरियाकलां, अमृत विचार। तराई क्षेत्र में बंदरों के झुंड कई बार हमलावर हो चुके हैं। आए दिन लोग बंदर के हमले में घायल हो रहे हैं और कुछ की तो जान भी चली गई। इसके बावजूद बंदरों के आतंक से छुटकारा नहीं मिल सका है। मकरंदापुर चौराहा की तस्वीर भी इन दिनों कुछ इसी तरह से बनी हुई है।
चौराहे पर काफी समय से बंदरों का आतंक है। व्यापारी बंदरों के आतंक के चलते दुकानें रखाकर परेशान हैं। तमाम निगरानी के बाद भी मौका मिलते ही बंदर दुकान से सामान ले जाते हैं। खाद्य पदार्थ के ठेले लगाने वालों को सामान बचाना मुश्किल हो रहा है। भगाने की कोशिश करें तो बंदर हमला कर देते हैं। कई राहगीरों को भी बंदर काट चुके हैं। सड़क हादसे का डर भी बना हुआ है। बल्देवपुर तक इन बंदरों के झुंड रहते हैं।
सड़क किनारे खेतों में खड़ी फसलों में भी बंदर पहुंच रहे हैं। किसानों का कहना है कि छुट्टा पशु की समस्या से निजात मिली नहीं थी कि अब बंदर भी भगाना पड़ रहे हैं। अपना दल के जिला महासचिव नरेश कुमार गंगवार ने बताया कि उन्होंने बंदरों की समस्या को लेकर बीसलपुर विधायक विवेक वर्मा को भी अवगत कराया है। दुकानदारों ने भी शिकायतें की है। मगर अभी तक बंदरों के झुंड पकड़वाए नहीं जा सके हैं।
