यमुना की तर्ज पर बनेगा Gomti Bio-Diversity Park, सहारा से वापस ली गई 75 एकड़ भूमि पर किया जायेगा विकसित

Amrit Vichar Network
Published By Anjali Singh
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लखनऊ, अमृत विचार : लखनऊ विकास प्राधिकरण गोमती नगर में सहारा ग्रुप से वापस ली 75 एकड़ भूमि पर गोमती बायो-डाइवर्सिटी पार्क यानी जैव विविधता पार्क विकसित करेगा। यह यमुना बायो-डाइवर्सिटी की तरह शहर का पहला बायो-डाइवर्सिटी पार्क होगा। इसमें पाथ-वे, प्ले-एरिया, वॉच टॉवर के अलावा पक्षियों को आकर्षित करने के लिए वॉटर बॉडी विकसित की जाएगी।

उपाध्यक्ष प्रथमेश कुमार ने बताया कि प्राधिकरण ने सहारा ग्रुप को लीज पर दी गई ग्रीन बेल्ट की 75 एकड़ जमीन पिछले वर्ष वापस ली है। कुछ स्थानों पर अतिक्रमण ओर कूड़ा डम्प है। इसे अभियान चलाकर हटाया जा रहा है। यहां दिल्ली में यमुना नदी के किनारे बने यमुना बायो-डाइवर्सिटी पार्क की तरह पर गोमती बायो-डाइवर्सिटी पार्क विकसित किया जाएगा। पार्क के निर्माण के लिए टेंडर कराकर कार्यदायी संस्था का चयन कर लिया गया है। 

इस माह स्थल पर विकास कार्य शुरू हो जाएगा। प्रथम चरण में दयाल पैराडाइज चौराहा से जनेश्वर मिश्र पार्क, गेट नंबर-5 के मध्य लगभग 25 एकड़ क्षेत्रफल में पार्क विकसित किया जाएगा। इसमें लगभग 14 करोड़ लागत आएगी। बाउन्ड्रीवॉल, पार्किंग, इंट्री गेट, ऑफिस, पाथ-वे, किड्स प्ले-एरिया व वॉच टॉवर आदि बनेंगे। बुधवार को टीम ने स्थल का निरीक्षण करके नापजोख की।

गोमती नदी किनारे पौधों को करेंगे संरक्षित

गोमती नदी के बेसिन में पाये जाने वाले पौधों की विभिन्न प्रजातियां, जो वर्तमान में विलुप्त होने की कगार पर हैं। उन्हें एकत्रित करते हुए बायो-डाइवर्सिटी पार्क में संरक्षित किया जाएगा। इसके अलावा देसी व प्रवासी पक्षियों को आकर्षित करने के लिए पार्क में घास एवं झाड़ियों के साथ ही छायादार पेड़ लगाए जाएंगे।

इसे पक्षियों के प्राकृतिक निवास के लिहाज से तैयार किया जाएगा। इसके लिए जरूरी है कि पक्षियों को यहां हर मौसम में पर्याप्त मात्रा में भोजन उपलब्ध हो। इसके लिए पार्क में एक फलदार बाग के साथ ही मेडिसिनल व बटरफ्लाई गार्डेन तैयार कराया जाएगा, जिससे कीट-पतंगे व अन्य छोटे जीव यहां पनप सकेंगे। पार्क में लैंड स्केपिंग का कार्य भी कराया जाएगा, जिनमें घास व हर्ब प्रजाति के पौधे लगाकर नेचुरल लुक दिया जाएगा।

नेचुरल इंटरप्रिटेशन सेंटर बनाया जाएगा

पार्क में नेचुरल इंटरप्रिटेशन सेंटर (एनआईसी) बनाया जाएगा। सेंटर में फील्ड बायोलॉजिस्ट की तैनाती की जाएगी, जो पार्क में घूमने आने वाले छात्र-छात्राओं को पौधों, पक्षियों, जीव-जंतुओं एवं कीट-पतंगों आदि की जानकारी देते हुए जैव विविधता से रूबरू कराएंगे। इससे यह पार्क ईको-टूरिज्म के साथ ही शैक्षिक दृष्टि से भी अहम स्थान साबित होगा।


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